सऊदी अरब के कल्चर मिनिस्टर बद्र बिन अब्दुल्लाह ने बुधवार को चीन का दौरा किया, जहां उन्होंने चीनी काउंटरपार्ट के साथ कई समझौतों पर साइन किए हैं. सऊदी अरब और चीन के व्यापारिक रिश्ते तो दशकों पुराने हैं, लेकिन अब दोनों देश सांस्कृतिक और धार्मिक साझेदारी भी आपस में बढ़ाएंगे. सऊदी ही नहीं चीन लगातार भारत के सहयोगियों से अपने रिश्ते बढ़ा रहा है. हाल ही में श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने भी चीन की यात्रा पर गए हैं, इस यात्रा के दौरान दोनों काउंटरपार्ट ने 9 नए एग्रीमेंट साइन किए हैं. चीन नेपाल, बंग्लादेश और मालदीव से भी रिश्ते मजबूत करने की दिशा में लगातार प्रयास कर रहा है.
बद्र बिन अब्दुल्लाह और हि सूं येली की मुलाकात के बाद सऊदी अरब के सांस्कृतिक मंत्रालय ने एक्स पर लिखा, “चीन की ऑफिशियल विजिट के दौरान बद्र बिन अब्दुल्लाह ने सऊदी अरब और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के बीच कई सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग करने के लिए चीन के साथ एक MOU पर हस्ताक्षर किए हैं.”
सऊदी और श्रीलंका क्यों बन रहे चीन के दोस्त
सऊदी अरब अपने विजन 2030 को पूरा करने के लिए कई कदम उठा रहा है. कुछ सालों पहले तक सऊदी में कला, एंटरटेनमेंट को कोई खास अहमियत नहीं दी जाती थी और न ही इस्लामिक संस्कृति के अलावा किसी और कल्चर की देश में जगह थी. लेकिन सऊदी विजन 2030 के तहत अपनी अर्थव्यवस्था खोल रहा है, जिसके लिए उसको चीन जैसे बड़े देश की जरूरत है. जिसके पास हाजारों साल पुराना कल्चर, कला और एक बड़ा टूरिस्ट बाजार है.
श्रीलंका की बात करें तो श्रीलंका इस वक्त अपने बुरे दौर से गुजर रहा है. सीलोन में भयंकर आर्थिक संकट छाया हुआ है और इससे उभरने के लिए उसको बाहरी देशों से मदद की दरकार है. श्रीलंकाई प्रधानमंत्री की चीन यात्रा का मकसद आर्थिक संकट को दूर करने के लिए चीन से लोन सहायता ही था. श्रीलंकाई पीएम दिनेश गुणवर्धने से चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने मुलाकात करने के बाद आश्वासन दिया है कि चीन सीलोन का कर्जा चुकाने में उसकी मदद करेगा. इसके अलावा श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए चीन उसकी आर्थिक सहायता करेगा.
नेपाल पर रख रहा चीन पर हाथ
चीन अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बेल्ट एंड रोड इनिशिऐटिव को पूरा करने के लिए कई देशों में निवेश कर रहा है. पद संभालने के बाद अपनी पहली चीन यात्रा पर आए नेपाल के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री नारायण काजी के साथ भी चीन ने BRI प्लान अंतिम रूप देने पर चर्चा की है. काठमांडू पोस्ट ने बताया कि बैठक के दौरान चीन ने जल्द BRI का काम शुरु करने के लिए नेपाल से कहा है. इस प्लान के तहत चीन नेपाल के कई सेक्टर्स में निवेश करेगा. इसके अलावा दोनों देशों ने कई और समझौते किए हैं. बता दें, भारत BRI की शुरुआत से इसका विरोध करता आया है.