ग्वालियर । प्रदेश के मेडिकल कालेज के अस्पतालों में मरीजों का इलाज इलेक्ट्रानिक (हास्पिटल इनफारमेशन एंड मैनेजमेंट सिस्टम) सिस्टम से करने को लेकर नेशनल मेडिकल कमीशन सख्त हुआ है। नेशनल मेडिकल कमीशन ने चिकित्सा महाविद्यालयों को अस्पतालों में एचआइएमएस सिस्टम जल्द शुरू करने की हिदायत दी है। इसके बाद जयारोग्य अस्पताल प्रबंधन ने एचआइएमएस सिस्टम को लागू करने की कवायद तेज कर दी है। ओपीडी को आनलाइन सिस्टम से जोड़ दिया गया है, जल्द ही मरीज भर्ती प्रक्रिया, जांच व अन्य सुविधाओं को इस सिस्टम से जोड़ दिया जाएगा। दरअसल नेशनल मेडिकल कमीशन की सख्ती के पीछे अस्पताल के कामकाज पर निगरानी करना है।
उल्लेखनीय है कि जयारोग्य अस्पताल में पिछले छह साल से इस सिस्टम को लागू करने की कवायद चल रही है, लेकिन अब तक इस सिस्टम का लाभ मरीजों को नहीं मिल पाया है, लेकिन नेशनल मेडिकल कमीशन की सख्ती के बाद अब इस सिस्टम के शुरू होने की संभावना बढ़ी है। एचआइएमएस सिस्टम शुरू होने पर किस मरीज ने किस डाक्टर को दिखाया है, उसे कौन सी जांच लिखी गई है, मरीज को कौन सी बीमारी है, उसे दोबारा कब दिखाने आना है, उसकी जांच रिपोर्ट क्या है। इस तरह की जानकारियों के लिए डाक्टर को फाइल पलटने की जरूरत नहीं होगी। एक क्लिक पर सारी जानकारी डाक्टर के सामने आ जाएगी। इसके साथ ही नेशनल मेडिकल कमीशन भी दिल्ली में बैठकर व्यवस्थाओं की निगरानी कर सकेगा।
पत्र के बाद दिखी सक्रियता नेशनल मेडिकल कमीशन के पत्र के बाद जयारोग्य अस्पताल प्रबंधन ने एचआइएमएस सिस्टम को लागू करने में सक्रियता दिखाई है। प्रबंधन ने ओपीडी के कामकाज को आनलाइन कर दिया है। अगले चरण में मरीज भर्ती प्रक्रिया व जांच सुविधा को आनलाइन किया जाएगा। इससे यह फायदा होगा कि जैसे ही मरीज डाक्टर के सामने पहुंचेगा मरीज को दिए गए विशेष ओपीडी नंबर से उसकी पूरी कुंडली डाक्टर के सामने होगी।
सिस्टम लागू होने पर यह होंगे फायदे
रजिस्ट्रेशन पर्चे के लिए मरीजों को लाइन में लगना पड़ता है। फिर कई विंडो शुरू हो जाएंगी, कम्प्यूटर से पर्चे बनाकर टोकन दे दिया जाएगा। मरीज आनलाइन भी रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे। – डाक्टर से चेकअप कराने के लिए अभी लंबी लाइन लगती है। सिस्टम शुरू होने पर टोकन मिलने के बाद मरीज का नाम नंबर अनाउंस करके बुलाया जाएगा। -अभी मरीज को जांच कराने के बाद रिपोर्ट दिखाने के लिए भी कतार में लगना पड़ता है। एचआइएमएस सिस्टम के बाद डाक्टरों की टेबल पर कम्प्यूटर होगा। मरीज की रिपोर्ट सीधे डाक्टर के पास पहुंचेगी। -नेशनल मेडिकल कमीशन डाक्टर व सुविधाओं की निगरानी कर सकेगा।
सिस्टम लागू होने पर यह होंगे फायदे
रजिस्ट्रेशन पर्चे के लिए मरीजों को लाइन में लगना पड़ता है। फिर कई विंडो शुरू हो जाएंगी, कम्प्यूटर से पर्चे बनाकर टोकन दे दिया जाएगा। मरीज आनलाइन भी रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे। – डाक्टर से चेकअप कराने के लिए अभी लंबी लाइन लगती है। सिस्टम शुरू होने पर टोकन मिलने के बाद मरीज का नाम नंबर अनाउंस करके बुलाया जाएगा। -अभी मरीज को जांच कराने के बाद रिपोर्ट दिखाने के लिए भी कतार में लगना पड़ता है। एचआइएमएस सिस्टम के बाद डाक्टरों की टेबल पर कम्प्यूटर होगा। मरीज की रिपोर्ट सीधे डाक्टर के पास पहुंचेगी। -नेशनल मेडिकल कमीशन डाक्टर व सुविधाओं की निगरानी कर सकेगा।
एचआइएमएस लागू करने के लिए प्रक्रिया तेज कर दी है एचआइएमएस सिस्टम को लागू करने की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है। अभी ओपीडी का कामकाज आनलाइन हुआ है। मरीज भर्ती प्रक्रिया व अन्य सुविधाओं को जल्द ही आनलाइन कर दिया जाएगा। नेशनल मेडिकल कमीशन का पत्र इस व्यवस्था को लागू करने के लिए आया है।
-डा. प्रवेश सिंह भदौरिया सहायक अधीक्षक, जेएएच।