कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में दर्दनाक हादसा हो गया है। जहां एक गांव में खेलने के दौरान मासूम की जिंदा जलकर मौत हो गई। इस हादसे से परिजनों में कोहराम मच गया. घटना की जानकारी मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंचे।
जानिए क्या है मामला?
मामला जिले के बिल्हौर तहसील के अरौल थानाक्षेत्र के मोहीपुरवा गांव का है। यहां झोपड़ी बनाकर रह रहे बहादुर दिवाकर अपने तीन बच्चों और पत्नी के साथ रहते हैं। घटना के दिन वह किसी काम से अरोल के नजदीक ठठिया गए थे। घर में पत्नी और बच्चे मौजूद थे। जिसके बाद पत्नी भी अचानक किसी काम से पास में ही कहीं चली गईं। तभी छह साल की बड़ी बेटी काजल, पांच साल का बलवान और तीन साल का हनुमान खेल रहे थे। खेलने के दौरान ही बड़ी बेटी ने माचिस से आग लगाकर तीली वहीं झोपड़ी के पास रखे फूस के ढ़ेर में फेंक दी और बलवान और काजल झोपड़ी बाहर निकल गए।
जलकर 3 साल के मासूम की मौत
थोड़ी ही देर में आग ने विकराल रूप ले लिया, जिससे झोपड़ी का छप्पर धूं-धूं कर जलने लगा। इसमें तीन साल का मासूम हनुमान फंसा रह गया और उसकी मौत हो गई। आग की लपटें देख मौके पर ग्रामीण जब तक पहुंच कर आग को बुझाते तब तक छप्पर जलकर राख हो चुका था। आनन-फानन में स्थानीय ग्रामीणों ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी और मौके पर थाना पुलिस फोर्स के साथ फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी पहुंच गई।
घटना की जानकारी होने पर उप जिलाधिकारी रश्मि लांबा और तहसीलदार पहुंच गए और पीड़ित बहादुर दिवाकर के परिवार को आर्थिक सहायता दिलाने का आश्वासन दिया। नायब तहसीलदार ने जानकारी देते हुए बताया कि पीड़ित परिवार को देवीय आपदा के तहत ₹400000 की आर्थिक सहायता के साथ ही आवास योजना के तहत आवास उपलब्ध करा कर कोटेदार से राशन भी उपलब्ध करा दिया गया है।
उप जिलाधिकारी रश्मि लांबा ने बताया कि परिवार के सदस्य को प्रधानमंत्री आवास की योजना का लाभ मिला हुआ है। वह पारिवारिक कारण से गांव से बाहर झोपड़ी में रहते थे उनकी आर्थिक सहायता के लिए शासन से मदद मांगी गई है और जल्द ही उनको आवश्यक मदद उपलब्ध कराई जाएगी।