धार। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण(ASI) की एक टीम सर्वेक्षण के लिए धार में भोजशाला परिसर पहुंच गई है। आज सर्वे का 18 वां दिन है। एएसआई ने 22 मार्च को धार भोजशाला परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण शुरू किया है। हिंदू और मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि भी एएसआई दल के साथ अंदर गए।
ऐतिहासिक भोजशाला में सोमवार को सर्वे के 18वें दिन मुख्य परिसर में नए स्थानों पर खोदाई होगी। इस कार्य में अभी कुछ सप्ताह का समय और लग सकता है। वैसे अभी दो सप्ताह का कार्य हुआ है। जबकि हाई कोर्ट ने छह सप्ताह का समय दिया। सर्वे कार्य में तेजी लाने के लिए टीम के सदस्यों की संख्या बढ़ाई जा रही है। इसके अलावा कुछ नई मशीनें लाने की बात कही जा रही है।
उल्लेखनीय है कि ऐतिहासिक भोजशाला के सर्वे के 17वें दिन कल कमाल मौलाना की दरगाह के पास स्थित अकल कुई (कुएं) की नपती की गई । 50 मीटर के दायरे में दल ने कई जानकारी संकलित की है।
जानकारी के अनुसार काम में सर्वेयरों की संख्या 22 हो गई है। जबकि श्रमिकों की संख्या 22 से बढ़कर 32 हो चुकी है। तेजी से काम चल रहा है।
भोजशाला के भीतरी भाग में जहां स्थान चयनित किए थे,वहां पर खोदाई शुरू हो चुकी है। इनमें से 14 स्थान में से सात स्थान पर वैज्ञानिक तरीके से खोदाई शुरू हो चुकी है।
दूसरी ओर भोजशाला के मध्य स्थित यज्ञशाला के हवन कुंड के आसपास भी मिट्टी हटाने का कार्य किया गया है। सफाई कार्य रविवार को भी जारी है। इसमें जो अवशेष मिल रहे हैं, उनको सुरक्षित किया जा रहा है।
उल्लेखनीय की भोजशाला के पिछले भाग में जो खोदाई कार्य किया गया था। उसमें दीवार और सीढ़ी नुमा आकृति मिली थी। वहां से भी अब मिट्टी हटाई जा रही है।
क्या है भोजशाला के पास की अकल कुई
धार भोजशाला के पास अकल कुई है। ज्ञानवापी की तरह यहां भी पानी का एक महत्वपूर्ण स्थान है। कहा जाता है कि इसका पानी पीने से व्यक्ति की बुद्वि कुशाग्र होती है। ऐसा माना जाता है कि इस पानी में वैज्ञानिक रूप से कुछ ऐस रासायनिक तत्व है, जो लोगों की दिमागी सेहत के लिए बेहतर होते है। इस कूप के बारे में यह मान्यता बरसों से चली आ रही है। लोग यहां से पानी लेकर भी जाते हैं।