संजय निरुपम ने सोमवार को बड़ा खुलासा किया. उन्होंने कहा कि संजय राउत खिचड़ी घोटाले के किंग पिन हैं. संजय राउत ने भाई और पत्नी के नाम पर इस घोटाले का पैसा लिया. बेटी के नाम पर चेक लिया. दलाली के रूप में 1 करोड़ रुपये लिए गए. संजय राउत पर मामला दर्ज करके गिरफ्तार किया जाए. इसके बाद उन्हें समझ में आएगा कि गरीबों के पेट पर लात मारने से क्या होता है.
उन्होंने कहा कि संजय राउत खिचड़ी घोटाले के सूत्रधार हैं. निरुपम ने संजय राउत को खिचड़ी स्कैम में गिरफ्तार करने की मांग की. उन्होंने कहा कि उत्तर पश्चिम मुंबई से शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के उम्मीदवार खिचड़ी चोर को ईडी ने बुलाया है. यहां के मतदाताओं को पता चलना चाहिए, लेकिन यह अकेला खिचड़ी चोर नहीं है.
संजय निरुपम ने कहा कि संजय राउत खीचड़ी घोटले के किंगपिन हैं लेकिन उनकी बीवी और भाई के बारे में बोलूं तो ठीक नहीं लगेगा. राउत ने अपनी बेटी के नाम पर रिश्वत ली है वो भी चेक से. एक निजी कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था. संजय के भाई संदीप राउत के अकाउंट में भी पैसे आए हैं और एक बार नहीं कई बार अमाउंट ट्रांसफर हुआ है.
खीचड़ी घोटले के मास्टरमाइंड हैं संजय राउत
उन्होंने कहा कि पत्रा चाल घोटाले में उन्होंने बीवी के नाम पर पैसा लिया और यहां बेटी और भाई के अकाउंट में पैसे लिए. संजय निरुपम ने कहा कि मेरे पास पुरा ट्रांजेक्शन डिटेल है. खीचड़ी घोटले के किंगपिन संजय राउत को गिरफ्तार किया जाए. राउत इसके मास्टर माइंड हैं. उन्होंने कहा कि सहयाद्रि रिफ्रेसमेंट को 6 करोड़ 71 लाख का खिचड़ी सप्लाई का कॉनट्रैक्ट मिला था.
सहयाद्रि के अकाउंट से उनकी बेटी विदिता के अकाउंट में 3 बार ट्रांसफर किए गए और दो बार भाई के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए गए. बीएमसी ने इनको 33 रुपए में 300 ग्राम खिचड़ी फ्री में सप्लाई करने का कॉन्ट्रैक्ट दिया था. सहयाद्रि ने आगे सब कॉन्ट्रैक्ट 16 रुपए में 100 ग्राम खिचड़ी का कॉन्ट्रैक्ट दिया, 200 ग्राम खिचड़ी गरीबों की चुरा ली, इसके अलावा पर्शियन दरबार के किचन को अपना किचन बनाकर कॉन्ट्रैक्ट लिया.
इनके ऊपर FIR करके जेल भेजा जाए
मैं चाहता हूं कि ईडी जांच का दायरा बढ़ाए और अमोल के साथ-साथ संजय राउत को भी गिरफ्तार करे. ये अमानवीय और निर्दयता का काम है. गरीब जरूरतमंद लोगों की खिचड़ी में रिश्वत ली गई. इनके ऊपर FIR करके जेल भेजा जाए. उन्हें मराठी माणुस के सामने एक्सपोज करने की जरूरत है. शिवसेना के जरिए बालासाहेब ने गरीबों की मदद की बात कही थी खिचड़ी चोरी की नहीं.
कांग्रेस से निकाले गए संजय निरुपम
बता दें कि कांग्रेस ने अनुशासनहीनता, कांग्रेस विरोधी बयान और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते उन्हें पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था. इसके बाद संजय निरुपम ने कांग्रेस पर बड़ा हमला किया था. निरुपम ने कहा था कि उन्होंने जैसे ही इस्तीफा दिया, वैसे ही उन्हें पार्टी से बाहर निकाल दिया गया. संजय ने कहा कि कांग्रेस की तेजी देखकर अच्छा लगा है.
सीने पर से एक बोझ उतर गया
संजय ने कहा कि कांग्रेस से मुक्ति मिलने के बाद आज मन बहुत हल्का लग रहा है. ऐसा लगता है सीने पर से एक बोझ उतर गया है. पूरे कांग्रेस परिवार को धन्यवाद. बता दें कि पार्टी से बाहर निकालने से पहले कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की लिस्ट से भी उन्हें बाहर कर दिया था. ऐसा कहा जाता है कि संजय निरुपम मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से टिकट नहीं मिलने से नाराज थे.