कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कोयंबटूर में जनसभा से पहले बुधवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तमिलनाडु के लोगों पर अपनी इच्छा थोपने की बार-बार कोशिश की है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ और केंद्र से कर संग्रह के राजस्व का राज्यों को ‘अपर्याप्त हस्तांतरण’ जैसे विषयों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से कुछ सवाल किए। प्रधानमंत्री मोदी आज कोयंबटूर में चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे।
रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “आज प्रधानमंत्री मोदी तमिलनाडु के कोयंबटूर में होंगे। तमिलनाडु एक ऐसा राज्य है जिसका सहकारी संघवाद की पैरोकारी करने का एक लंबा इतिहास है। भाजपा ने बार-बार वहां के लोगों पर अपनी इच्छा थोपने की कोशिश की है।” उन्होंने कहा, “तमिलनाडु में मोदी सरकार के ट्रैक रिकॉर्ड से सवाल उठता है कि क्या प्रधानमंत्री मोदी लोगों का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं, या वह उन पर शासन करना चाहते हैं?” रमेश ने कहा कि नीट परीक्षा 2017 में भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई थी और इसे इस डर के कारण व्यापक प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा कि इससे गरीब और हाशिए के समुदायों के छात्रों को नुकसान होगा। उन्होंने कहा, “बहुत जल्द, इन आशंकाओं की पुष्टि हो गई। 2019 के आंकड़ों के अनुसार, परीक्षा में सफल होने वाले केवल दो प्रतिशत छात्रों ने निजी कोचिंग में दाखिला लिए बिना ऐसा किया। निजी कोचिंग सेंटर प्रति छात्र 2.5 लाख से 5 लाख के बीच शुल्क लेते हैं, इसलिए यह लगभग असंभव है कि हाशिए पर रहने वाले छात्रों को सफलता मिले।” उन्होंने कहा कि पूरे तमिलनाडु ने नीट के “विनाशकारी प्रभावों” को देखा है।
रमेश ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री ने अपनी नीतियों के कारण हुए नुकसान को स्वीकार क्यों नहीं किया है? उन्होंने तमिलनाडु में चक्रवात के असर का उल्लेख करते हुए कहा, “पिछले सप्ताह तमिलनाडु को उच्चतम न्यायालय जाने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि केंद्र सरकार बहुत जरूरी आपदा राहत निधि रोक रही है। ” रमेश ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही राज्य आपदा राहत कोष और अन्य राज्य कोष से 3,406 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है, लेकिन यह चक्रवात से हुए व्यापक नुकसान की भरपाई के लिए पर्याप्त नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रतिशोध की राजनीति की जा रही है।