जबलपुर : बुक फेयर में अभिभावकों को कोर्स की किताब न मिलने की शिकायत के बाद कलेक्टर दीपक सक्सेना ने पुस्तक मेला का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने शिकायत पंजी का अवलोकन कर अभिभावकों की फीड बुक से फीडबैक लिया। उन्होंने कहा कि पुस्तक मेले में अभिभावक द्वारा यह शिकायत की जा रही है कि स्कूल प्रबंधन द्वारा अनुशंसित कुछ किताबें मेले में नहीं मिल पा रही हैं और कतिपय विक्रेता बता रहे हैं कि उक्त किताबें मेला समाप्ति के उपरांत बुक स्टोर पर उपलब्ध हो सकेंगी।
सर्वसुलभ किताब को पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय
कलेक्टर ने कहा कि मेले में अनुपलब्ध किताबों के संबंध में मोनोपाली प्रथम दृष्ट्या सिद्ध है। मध्यप्र देश निजी विद्यालय (फ़ीस और संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 के तहत कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित सक्षम जिला समिति द्वारा उक्त किताब को पाठ्यक्रम से हटाकर उसके स्थान पर सर्वसुलभ किताब को पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया गया है। स्कूल प्रबंधन 24 घंटों के भीतर रिप्लेसमेंट के संबंध में ज़िला शिक्षा अधिकारी को सूचित करेगा। आदेश की अवहेलना करने पर स्कूल प्रबंधन के विरूद्ध विधि अनुसार कारवाई की जायेगी।
किताबों के बदले किताबों के लिए बुक बैंक
जिला प्रशासन ने पुस्तक एवं मतदाता जागरूकता मेले में लगाया गया बुक बैंक स्टाल छात्रों के लिए मददगार साबित हो रहा है। मेले में आने वाले छात्र बैंक में अपनी पुरानी पाठ्य पुस्तकें जमा कर बुक बैंक में उपलब्ध पुस्तकों में आवश्यकता के अनुसार पुस्तकें प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही इस बैंक में अभिभावक शिकायत दर्ज करा सकते हैं। बुक बैंक में अभी तक बच्चों एवं अभिभावकों ने 14 शिकायतें दर्ज कराई हैं। यादव कालोनी निवासी एनके तिवारी ने बताया कि निजी स्कूलों की मनमानी से अभिभावकों को राहत दिलाने के लिए पुस्तक मेले का आयोजन जिला प्रशासन की सराहनीय पहल है।
अपने बेटी के लिए किताबें खरीदने आई वंदना सिंह ने मेले को प्रशासन की बहुत अच्छी पहल बताया। उन्होंने बताया कि पाठ्यपुस्तकों एवं अन्य सामग्रियों को बहुत कम दाम में खरीद कर बचे हुए राशि का उपयोग फूड स्टॉल में भी किया जा सकता है। नाट्यलोक संस्था के विभिन्न कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां देकर मतदाता जागरूकता का कार्य कर रहे हैं।