इन दिनों लोकसभा चुनाव का माहौल पूरे देश में बना हुआ है, वहीं आदर्श आचार संहिता लागू होने की वजह से पूरे देश में प्रशासन भी बहुत सख्ती से काम ले रहा है. गुजरात में भी पूरे देश की तरह आचार संहिता है. ऐसे में आम तौर पर लोगों का सवाल होता है कि आखिर आचार संहिता के दौरान वह कितना कैश अपने साथ लेकर चल सकते हैं. कई लोग जो कैश के व्यापार से जुड़े होते हैं उन्हें अकसर अपने बिजनेस की नीड्स के हिसाब से खरीदी करनी होती है और अपने साथ कैश लेकर चलना होता है.
कैश और गिफ्ट्स को ले जाने के लिए आचार संहिता में वैसे तो कई सख्त नियम हैं. लेकिन अगर आप एक तय सीमा में कैश और महंगे गिफ्ट्स ले जा रहे हैं तो इससे कोई परेशानी नहीं हो सकती है. नियमों के अनुसार अगर आप 50 हजार रुपये तक नकद या 10 हजार रुपये की कीमत के गिफ्टस अपने साथ ले जा रहे हैं और उनके पुख्ता सबूत आपके पास हैं तो कोई दिक्कत नहीं है. अगर आप इससे ज्यादा नकद और 10 हजार रुपये से ज्यादा का गिफ्ट ले जा रहे हैं तो आपको दस्तावेज दिखाने होंगे.
पुलिस चेकिंग के दौरान आपके पास अगर राज्य की सीमा पार करते हुए 50 हजार या ज्यादा कैश है और 10 हजार से ज्यादा का गिफ्ट है तो इसके लिए आपको पुलिस के पूछने पर जरूरी डॉक्यूमेंट्स दिखाने होंगे. अब आपके जेहन में सवाल आ रहा है कि किस तरह के दस्तावेज आपको दिखाने होंगे तो उसका जवाब है बिलिंग डॉक्यूमेंट या फिर ऑथोराइज्ड बिल. अगर आप किसी भी तरह के सबूत दिखाने में सफल नहीं होते तो पुलिस नकदी और गिफ्ट्स को जब्त भी कर सकती है.
गुजरात से बाहर सावधान
गुजरात से बाहर आप किसी भी राज्य में जा रहे हैं तो आपको सामान्य तौर पर 50 हजार से ज्यादा कैश और 10 हजार से ज्यादा का गिफ्ट आइटम अपने साथ कैरी नहीं करना चाहिए. मान लीजिए अगर आप ऐसा बिजनेस करते हैं जिसमें आपके पास बहुत सारा कैश ट्रांजेक्शन होता है औरर उसे यहां से वहां करना होता है तो ध्यान रहे कि उस कैश की एंट्री आपके बहीखाते में जरूर होनी चाहिए.
जब्त कैस मिलेगा वापस?
अब इस खबर में एक सवाल का जवाब और जान लीजिए कि अगर पुलिस ने आपका सामान जब्त कर लिया है और संबंधित डॉक्यूमेंट पुलिस को नहीं दिखा पाते हैं तो कोई बात नहीं. अगर समय रहते आप पुलिस को बैंकिंग ट्रांजेक्शन समेत अब्य जरूरी डॉक्यूमेंट्स दिख सकते हैं.