ग्वालियर: शहर में अपराध की फर्जी कहानियों ने भी पुलिस को उलझा रखा है। असल अपराधियों को पकड़ने और इन्हें अपराध करने से रोकने के लिए प्रयास में लगी पुलिस की ऊर्जा झूठी कहानियों को सुलझाने में भी बर्बाद हो रही है। 24 घंटे में ऐसी ही दो कहानियां सामने आई, जिन्होंने थाने से लेकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को उलझा दिया। एक 18 वर्षीय युवक ने अपने दोस्त को सबक सिखाने खुद को गोली मार ली और दोस्त पर गोली मारने का आरोप लगाया। वहीं अपने मालिक के रुपये हड़पने के लिए नौकर ने दोस्त के साथ मिलकर अपहरण और लूट की झूठी कहानी रची। दोनों ही मामलों का खुलासा तो पुलिस ने कर लिया, लेकिन कई घंटों तक दोनों घटनाओं ने पुलिस को उलझाकर रखा।
महाराजपुरा थाने में आत्महत्या के प्रयास जैसे मामले में फंसाने के लिए खुद को मार ली गोली
शनिवार दोपहर में महाराजपुरा इलाके में रहने वाले हिमांशु पुत्र ज्ञान सिंह पटेल का झगड़ा संजय नगर निवासी शुभम शर्मा व अभय उपाध्याय से हुआ था। शुभम ने उसकी मारपीट कर दी। फिर फोन पर भी धमकाया। इसके बाद वह खुद ही महाराजपुरा थाने में हिमांशु के खिलाफ आवेदन दे आया। इसके बाद दोबारा उसे फोन किया। जब हिमांशु को पता लगा कि उसे पीटने के बाद उसके खिलाफ ही आवेदन दे दिया है तो उसने शाम को शुभम को हत्या के प्रयास जैसे सनसनीखेज मामले में फंसाने के लिए खुद को गोली मार ली। हिमांशु के पैर में गोली लगी है। गोली लगने की सूचना पर सीएसपी महाराजपुरा सर्किल नागेंद्र सिंह सिकरवार फोर्स के साथ पहुंचे। घटनास्थल के आसपास कैमरों के फुटेज देखे तो ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला। जब हिमांशु से पूछताछ की तब उसने बताया कि उसी ने पैर की खाल पकड़कर गोली मार ली थी। उसने शुभम को सबक सिखाने के लिए ऐसा किया।
जनकगंज थाने में भुगतान के लिए दो लाख रुपए दिए तो बदली नीयत
जनकगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाला युवक अमर कुशवाह हुजरात पुल स्थित दवाईयों की दुकान पर काम करता है। उसे दो लाख रुपये देकर दुकानदार ने भुगतान करने के लिए भेजा था। उसने पैसे हड़पने के लिए झूठी कहानी रची। उसने अपने दोस्त राजकुमार किरार को बुलाया। कुछ देर बाद अपने मालिक को फोन कर कहा कि वह रुपये लेकर जा रहा था, तभी बाइक से युवक आए और उसका अपहरण कट्टे अड़ाकर कर ले गए। उसे झांसी रोड इलाके में ले गए। जहां उससे रुपये लूट लिए और उसे छोड़ गए। मालिक ने पुलिस को सूचना दी। अपहरण और लूट की सूचना पर सीएसपी आयुष गुप्ता, जनकगंज थाना प्रभारी विपेंद्र सिंह चौहान फोर्स के साथ पहुंचे। जब उससे पूछताछ की तो पुलिस को कुछ असहज लगा। कैमरों में कहीं भी ऐसी घटना नहीं दिखी। जब उससे थोड़ी सख्ती की तो उसने बताया कि लूट की कहानी गढ़ी थी। उसने 1.60 लाख रुपये दोस्त से लेकर लौटाए, 40 हजार रुपये आनलाइन मालिक के खाते में ट्रांसफर कर दिए। अब इस मामले में पुलिस ने दोनों पर धारा 151 के तहत कार्रवाई की है, क्योंकि फरियादी दुकानदार ने एफआइआर करवाने से इनकार कर दिया।