दुनिया में न जाने कितनी तरह की बीमारियां हैं, जिसमें से कुछ के बारे में तो इंसान जानते तक नहीं हैं, क्योंकि वो बीमारियां लाखों-करोड़ों लोगों में से किसी एक को होती हैं. कभी-कभी तो डॉक्टर भी चौंक जाते हैं, क्योंकि उन्होंने भी पहले कभी वैसी बीमारियों का सामना नहीं किया होता है. अब आप ही सोचिए कि अगर आपके पास कोई इंसान आए और आपसे कहे कि उसके हाथ की उंगलियां काट दीजिए, तो आपको कैसा महसूस होगा? जाहिर है आप चौंक जाएंगे. कनाडा के एक डॉक्टर के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ.
दरअसल, क्यूबेक शहर का रहने वाला एक शख्स डॉक्टर के पास पहुंचा और उनसे अपने बाएं हाथ की चौथी और पांचवीं उंगली को परमानेंट निकाल देने के लिए कहा, क्योंकि उसे लगा कि वो उंगलियां उसके शरीर में हैं ही नहीं. ऑडिटी सेंट्रल नामक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, लावल यूनिवर्सिटी में मनोचिकित्सा विभाग की डॉ. नादिया नादेउ ने हाल ही में एक अज्ञात मरीज के बारे में एक केस रिपोर्ट पब्लिश की है, जिसमें उन्होंने बताया है कि वो मरीज बचपन से ही दर्दनाक विचारों का अनुभव कर रहा था. उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि उसके बाएं हाथ की आखिरी दो उंगलियां उसके शरीर में नहीं थीं.
परिवार को भी नहीं थी जानकारी
डॉ. नादिया ने बताया कि मरीज ये सोच-सोचकर पागल हुआ जा रहा था कि उसकी दोनों उंगलियां सड़ रही हैं या जल रही हैं. सबसे अजीब बात ये थी कि उसने शर्मिंदगी की वजह से अपनी इस गंभीर समस्या के बारे में अपने परिवार को भी नहीं बताया था, लेकिन वो हमेशा ही ये सोचता रहता था कि वो खुद ही अपनी उन उंगलियों को हटा देगा.
क्या है ये अजीब बीमारी?
डॉ. नादिया के मुताबिक, वह मरीज बॉडी इंटीग्रिटी आइडेंटिटी डिसऑर्डर (बीआईआईडी) नाम की बीमारी से पीड़ित था. यह एक अत्यंत ही दुर्लभ स्थिति है, जिसमें मरीज को विकलांग होने की तीव्र और लगातार इच्छा होती रहती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सालों पहले एक बिल्कुल स्वस्थ महिला को भी यही समस्या थी. वो अपनी कमर से नीचे का हिस्सा लकवाग्रस्त होने का सपना देखती थी और एक लकवाग्रस्त इंसान की तरह जीवन जीती थी, जिसमें वो व्हीलचेयर पर घूमती थी और किसी लकवाग्रस्त व्यक्ति की तरह पैरों में लोहे की रॉड बांध ली थी.