मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में लोकायुक्त विभाग ने सोमवार को रिश्वतखोर कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। कलेक्ट्रेट कार्यालय में स्थित आदिम जानजाति विभाग के अंतर्गत आने वाले आदिवासी विकास विभाग के दो कर्मचारियों को भवन मालिक को किराए के बिल पास करने के एवज में पचास हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया है। दरअसल इंदौर के खंडवा रोड़ स्थित रानीबाग के निवासी विक्रम गहलोत ने लिंबोदी इलाके में अपना एक भवन आदिवासी छात्रावास के लिए विभाग को किराए पर दिया हुआ है।
जिसका साल 2017 से 2023 तक का किराया वृद्धि का एरियर 11 लाख रुपए बकाया है। जिसके लिए गहलोत ने लंबे समय से बिल बनाकर आदिवासी विकास विभाग मेंं जामा किए हुए थे। विभाग में कार्यरत क्षेत्र संयोजक विजय कुमार जायसवाल और सहायक ग्रेड दो की कर्मचारी उमा मर्सकोले द्वारा भवन मालिक विक्रम गहलोत से पूरे किराए के एरियर का भुगतान करने के एवज में रिश्वत की मांग की जा रही थी।
भवन किराए की कुल राशि करीब 11 लाख रुपए बकाया है। जिसका पंद्रह प्रतिशत दोनों अधिकारी मांग रहे थे, जिसकी शिकायत गहलोत ने लोकायुक्त पुलिस को की थी। जिसके बाद ट्रैप की प्लानिंग की गई और दोनों ही अधिकारियों को पचास हजार की नगद राशि लेते हुए रंगे हुए नोटों के साथ गिरफ्तार किया गया है।