ईरान के हमले के बाद तेल अवीव जाने वाली कई फ्लाइट्स रद्द कर दी गई हैं. इजराइल पर हमला इतना जबरदस्त था कि दुनिया भर में अफरा तफरी मच गई. इसके कारण एयर इंडिया के साथ कम से कम एक दर्जन एयरलाइनों को उड़ानें रद्द करनी पड़ीं या फिर उनका रूट बदलना पड़ा. एयर इंडिया ने भी तेल अवीव के लिए सभी फ्लाइट्स को 30 अप्रैल तक रद्द कर दिया है. बता दें, अमेरिका में 9/11 के आतंकवादी हमलों के बाद ये पहली बार हुआ है कि किसी देश के लिए इतनी फ्लाइट्स रद्द की गयी हों या फिर रूट बदलने पड़े हों.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार हमले के बाद क्वांटास, लुफ्थांसा, यूनाइटेड एयरलाइंस और एयर इंडिया को ईरानी और इजरायली हवाई क्षेत्र से बचने के लिए अपनी उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं या उनका रूट बदलना पड़ा है. एयर इंडिया ने भी रविवार को घोषणा की कि वह ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के कारण तेल अवीव के लिए सभी उड़ानें रोक देगा. गाजा में चल रहे युद्ध के कारण पांच महीने के अंतराल के बाद, इजराइल के लिए उड़ानें 3 मार्च को फिर से शुरू हुईं.
पहले भी रुकी थी उड़ानें
गाजा और इजराइल के बीच जब युद्ध शुरू हुआ था उस समय भी कई उड़ाने रोकी गई थीं. हालांकि पांच महीने के अंतराल के बाद फिर से इजराइल के लिए उड़ानें 3 मार्च को फिर से शुरू हुईं थी. लेकिन ईरान के इस भयानक हमले के बाद फिर से कई उड़ाने रोकी गई हैं. एयर इंडिया के साथ, विस्तारा ने भी घोषणा की कि वह ईरानी हवाई क्षेत्र में उड़ान नहीं भरेगा.
यात्रियों और पायलट्स की सुरक्षा
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक ओपीएस ग्रुप के संस्थापक मार्क जी ने कहा कि इजराइल पर ईरान के हमले के परिणामस्वरूप “वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले के बाद से हवाई यात्रा में सबसे बड़ा व्यवधान” हुआ है. आगे उन्होंने बताया हमारे सामने ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं आई है कि कई अलग-अलग हवाई क्षेत्र एक के बाद एक बंद हो गए और ऐसी अराजकता पैदा हो गई हो. वैश्विक एयरलाइंस ईरानी हवाई क्षेत्र से बचने की दिशा में काम कर रही हैं. उन्होंने कहा यूरोप या अमेरिका की यात्रा के लिए एकमात्र मार्ग तुर्की या मिस्र और सऊदी अरब के माध्यम से है. हालाँकि, चल रहे गाजा युद्ध ने मध्य पूर्वी क्षेत्र में उड़ान भरने वाले यात्रियों और पायलट्स की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं.