जबलपुर। शुक्ला नगर गढ़ा इंदिरा गांधी वार्ड निवासी दवा विक्रेता से एक साइबर ठग ने 10000 रुपए की ठगी का प्रयास किया। घटना सोमवार रात की है। दवा विक्रेता ने बताया कि सोमवार रात उसके मोबाइल पर अज्ञात नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को जबलपुर में सिविल लाइन थाने का प्रभारी बताया। उसने दवा विक्रेता से कहा कि क्षेत्र के एसडीएम साहब के लिए कुछ दवाइयां खरीदनी हैं। इसके बाद उसने विक्रेता व्हाट्सएप पर दवा के नाम लिखकर भेज दिया।
कथित थाना प्रभारी ने पुनः फोन कर कहा कि ऑनलाइन भुगतान कर रहा है
कथित थाना प्रभारी ने कहा कि वह दवाइयां निकाल कर रख ले कुछ देर बाद एक आरक्षक दुकान से दवाएं प्राप्त कर लेगा। दवा विक्रेता ने दवाई निकालना जिसकी कीमत लगभग 2700 रुपए हुई। कथित थाना प्रभारी ने पुनः फोन कर कहा कि वह दवा की कीमत का ऑनलाइन भुगतान कर रहा है। कुछ देर बाद उसने दवा विक्रेता के व्हाट्सएप पर एक स्क्रीनशॉट भेजा। जिसमें 12700 के भुगतान की जानकारी थी। सिविल लाइन थाना प्रभारी बने साइबर ठग ने कहा कि एसडीएम साहब ने गलती से₹10000 का अतिरिक्त भेज दिए हैं। इसलिए दवा विक्रेता₹10000 वापस कर दे जिसके लिए वह क्यूआर कोड भेज रहा है।
ऑनलाइन भेजी गई रकम की सूचना नहीं पहुंची है
दवा विक्रेता ने बताया कि अभी तक उसके पास ऑनलाइन भेजी गई रकम की सूचना नहीं पहुंची है। जिसका मैसेज आते ही वह₹10000 लौटा देगा। परंतु कच्छ थाना प्रभारी दवा विक्रेता पर दबाव बनाता रहा की एसडीएम साहब का पैसा है, इसलिए वह बिना देर किए ₹10000 लौटा दे वरना रिजर्व बैंक में शिकायत कर उसका बैंक खाता बंद करवा दिया जाएगा। दवा विक्रेता ने जवाब दिया कि उसके बैंक अकाउंट में इतने पैसे नहीं है कि ₹10000 लौट सके परंतु भेजे गए 12700 का मैसेज मिलते ही वह ₹10000 वापस कर देगा।
एसडीएम साहब को अस्पताल के खाते में₹10000 ट्रांसफर करना
कथित थाना प्रभारी ने कहा कि एक घायल व्यक्ति अस्पताल में पड़ा है इसके इलाज के लिए एसडीएम साहब को अस्पताल के खाते में₹10000 ट्रांसफर करना है इसलिए पैसों की जरूरत है। ₹10000 संभव नहीं हो पा रहे हैं तो अभी ₹5000 ही एसडीएम साहब द्वारा दिए गए क्यूआर कोड पर ट्रांसफर कर दें। दवा विक्रेता को यह समझ में आ गया कि फोन करने वाला साइबर ठग है इसलिए उसने 12700 का मैसेज मिलने तक ₹5000 भेजने से भी स्पष्ट मना कर दिया। थाना प्रभारी बने ठग ने पुलिस के जवानों को मेडिकल स्टोर भेज कर दवा विक्रेता को देख लेने की धमकी दी।
आती रही पुलिस सायरन की आवाज
दवा विक्रेता कोई यकीन हो जाएगी जिससे उसकी बात हो रही है वह सिविल लाइन थाना प्रभारी ही है इसलिए बातचीत के दौरान साइबर ठगने पुलिस सायरन की आवाज का भी इस्तेमाल किया। साइबर तक जब भी दवा विक्रेता को फोन लगाता पुलिस सायरन बजाने की भी आवाज आती रहती।
एनएफटी किया है
साइबर ठग जब यह समझ गया की दवा विक्रेता 5000 से 10000 भेजने के लिए तैयार नहीं है तो उसने बड़ी नम्रता से बात की। दवा विक्रेता को बताया कि एसडीएम साहब ने 12700 एनएफटी किया है। जिसका मैसेज मोबाइल पर आने में आधे घंटे लग जाएंगे। वहीं अस्पताल में पैसे न पहुंचने पर घायल का उपचार शुरू नहीं हो पाएगा, इसलिए दवा विक्रेता मानवीयता के आधार पर ₹10000 भेज दे। हालांकि दवा विक्रेता अपनी बात पर अड़ा रहा जिससे वह साइबर ठगी का शिकार होने से बच गया।