अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. लवली करीब 8 महीने इस पद पर रहे. 31 अगस्त 2023 को उन्हें दिल्ली कांग्रेस प्रदेश का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. उन्होंने आज यानी 28 अप्रैल 2024 को कांग्रेस पार्टी छोड़ दी. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपना इस्तीफा भेज दिया है. चार पन्नों की चिट्ठी में उन्होंने इस्तीफे की वजह बताई है. लवली ने ‘आप’ से गठबंधन, बाहरियों को टिकट जैसे कई मुद्दे उठाए हैं. आइए जानते हैं लवली ने किन कारणों से कांग्रेस पार्टी से दिया इस्तीफा ?
लवली ने इस्तीफा क्यों दिया?
- DPCC के विरोध के बावजूद AAP से गठबंधन हुआ
- करप्शन के आरोप में फंसी पार्टी से गठबंधन किया गया
- दिल्ली में कांग्रेस को लड़ने के लिए 3 सीट मिली
- वरिष्ठ नेताओं के लिए अपनी उम्मीदवारी वापस ली
- नॉर्थ ईस्ट-नॉर्थ वेस्ट दिल्ली में बाहरियों को टिकट दिया
- दिल्ली कांग्रेस के नेताओं को जानकारी भी नहीं दी गई
- विरोध करने पर राजकुमार चौहान को सस्पेंड कर दिया गया
- नॉर्थ वेस्ट दिल्ली कैंडिडेट ने पार्टी विरोधी बयान दिया
- कांग्रेस के दिल्ली इंचार्ज ने मामले को और भड़का दिया
- दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को नियुक्ति का अधिकार नहीं
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लवली के इस्तीफे के बाद भाजपा का हमला
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे पर भाजपा नेता आरपी सिंह ने कहा कि कांग्रेस में सब ठीक-ठाक नहीं है. कांग्रेस में एक परिवार ही सब कुछ चलाना चाहता है, जिससे जमीनी नेता तंग हैं. कल तक कांग्रेस जिन लोगों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाती थी आज उन्हीं लोगों के साथ समझौता करके चुनाव लड़ रही है. ये कैसे संभव है? साफ दिखाई दे रहा है कि वहां लोगों को घुटन हो रही है इसलिए वे इस्तीफा दे रहे हैं.
जिनके साथ पंजाब में कुश्ती, उनके साथ दिल्ली में मोहब्बत- पूनावाला
वहीं, अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे पर भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि एक तरफ पीएम मोदी के नेतृत्व में मिशन और विजन वाली पार्टी और गठबंधन है और दूसरी तरफ एक ऐसा गठबंधन है, जिसके भीतर ही विभाजन, असमंजस है. यह टुकड़े-टुकड़े गैंग वाली पार्टी है. आज अरविंदर सिंह लवली ने स्थिति स्पष्ट कर दी है.
पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस ने दिल्ली से ऐसे प्रत्याशियों को उतारा जिनका न ही दिल्ली और न ही उनकी पार्टी से कोई वास्ता था. जिस आम आदमी पार्टी का जन्म कांग्रेस को खत्म करते हुए हुआ. जिनके साथ पंजाब में कुश्ती है, उनके साथ दिल्ली में मोहब्बत है. इसे जनता समझ रही थी. अब कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता भी इससे तंग आकर अपनी निराशा को बयान कर रहे हैं.