भारतीय धर्म ग्रंथों और ज्योतिष शास्त्र में भद्रा का वर्णन मिलता है. ज्योतिण की दृष्टि से भद्रा एक अशुभ काल होता है. इस दौरान सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं. पौराणिक मान्यता है भद्रा काल शुभ नहीं होता है और इस समय पूजा के अलावा कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. ज्योतिष के अनुसार भद्रा काल में अगर आप कोई कार्य करते हैं तो वह सफल नहीं होता है और उसमें बाधाएं आती हैं, इसलिए इसे अशुभ काल भी कहा जाता है. ज्योतिष में भद्रा का मतलब भद्रा कर देना या बिगाड़ देना होता है. भद्रा काल में मांगलिक कार्य विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश या उत्सव की शुरुआत या समाप्ति अशुभ मानी जाती है. आइए जानें मई 2024 में किस-किस दिन भद्रा का साया रहेगा और उसका समय क्या है.
मई 2024 में भद्रा के समय
- 3 मई, शुक्रवार- दोपहर 12:45 से रात के 11:28 बजे तक.
- 6 मई, सोमवार- दोपहर 2:45 से लेकर 7 मई रात के 1:13 तक.
- 11 मई, शनिवार – दोपहर 2:24 से लेकर 12 मई की सुबह 2:08 बजे तक.
- 15 मई, बुधवार- सुबह 4:21 से दिन 15 मई शाम 5:19 बजे तक.
- 19 मई, रविवार – रात्रि 00:45 से लेकर 19 मई दोपहर के 01:56 बजे तक.
- 22 मई, बुधवार – शाम 6:49 से लेकर 23 मई सुबह 07:12 बजे तक.
- 26 मई, रविवार – सुबह 6:37 से लेकर 26 मई शाम के 6:08 बजे तक.
- 29 मई, बुधवार – दोपहर 1:45 से लेकर 30 मई रात 00:45 बजे तक.
भद्रा का टाइम क्या है?
वैदिक ज्योतिष के मुताबिक भद्रा एक अशुभ अवधि है. भद्रा का संबंध बुध ग्रह से माना जाता है और इसे किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने के लिए अशुभ काल माना जाता है.
भद्रा काल क्या होता है?
भद्रा काल में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है क्योंकि इसमें कोई भी कार्य जोड़ने वाला नहीं हो सकता. भद्रा का अर्थ ही है भद्रा कर देना यानि बिगाड़ देना. भद्रा काल में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता क्योंकि इसमें करने वाला कोई भी काम सफल नहीं हो सकता है.
भद्र काल अशुभ क्यों है?
भद्रा काल हिंदू ज्योतिष में एक विशिष्ट समय अवधि है जिसे कुछ कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि बुध की ऊर्जा अन्य ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा में बाधा बन सकती है, जिससे बुरे परिणाम मिल सकते हैं.
क्या भद्रा में पूजा करना चाहिए?
जब भी भद्रा काल लग रहा हो तो उस समय धार्मिक या मांगलिक न करें. हालांकि, भद्रा के वक्त तंत्र-मंत्र की पूजा और कोर्ट-कचहरी का काम करना अशुभ नहीं माना जाता है.
भद्रा में हमें क्या नहीं करना चाहिए?
भद्रा में किसी भी तरह के शुभ काम करने से बचें . गृह प्रवेश, मुंडन, व्यापार की शुरुआत, विवाह, सगाई, नामकरण आदि जैसे शुभ कार्य करने से बचें.