आम आदमी पार्टी ने अपना कैंपेन सॉन्ग लांच किया था लेकिन चुनाव आयोग ने इस पर रोक लगा दी थी. इस मामले को लेकर पार्टी का एक डेलीगेशन चुनाव आयोग से मिला. इसमें आप नेता आतिशी, सौरभ भारद्वाज, पंकज गुप्ता, दिलीप पांडे और आदिल सभी को मिलाकर कुल 5 सदस्य थें. तकरीबन 40 मिनट तक चली बैठक के बाद आप नेताओं ने चुनाव आयोग पर पक्षपात करने का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग को पूर्व चुनाव आयुक्त टीएन शेषन की याद दिलाई. बता दें, टीएन शेषन भारत के दसवें मुख्य चुनाव आयुक्त थे. इनको भारत के इतिहास में अब तक का सबसे सख्त चुनाव आयुक्त माना जाता है.
आतिशी ने आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि हम 22 मार्च से समय मांग रहे थे. अब जाकर के समय मिला है. हमने चुनाव आयोग को बताया कि अगर बीजेपी शिकायत करती है तो आयोग तुरंत एक्शन लेते हुए नोटिस भेज देता है. लेकिन हम एक महीने से शिकायत के बाद कार्रवाई के लिए इंतजार कर रहे हैं.
केजरीवाल की गिरफ्तारी पर कोई एक्शन नहीं
हमने आयोग से पुछा कि हमारे कैंपेन सॉन्ग को लेकर तो नोटिस भेजा लेकिन चुनावों से ठीक पहले अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर कोई नोटिस नहीं भेजा. चुनाव आयोग को आम आदमी पार्टी के चुनावी थीम सॉन्ग पर तो आपत्ति दर्ज करता है लेकिन भाजपा नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री के आपत्तिजनक पोस्टर्स पर कुछ नहीं कहता.
40 मिनट तक चली बैठक
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हमने चुनाव आयोग से पूछा कि हमारी शिकायत पर क्यों कार्रवाई नहीं की गई. आगे उन्होंने कहा चुनाव आयोग ने कहा कि हम आपके सवालों का जवाब देने के लिए बाध्य नहीं हैं. तकरीबन 40 मिनट तक चली इस बैठक में चुनाव आयुक्त हर सवाल के जवाब में फाइन बोलते रहें. आतिशी ने कहा कि भाजपा के नेता जब आचार संहिता के बावजूद ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल करती है तो चुनाव आयोग को दिक्कत नहीं होती लेकिन जब वही चीज आम आदमी पार्टी ने गाने में लिख दिया तो चुनाव आयोग को आपत्ति हो गई.