बिहार में आम लोगों के पैसे को सरकारी योजना के नाम पर कैसे बर्बाद किया जाता है, यह देखना हो तो अररिया जिला आ सकते हैं. यहां आज भी कई अधूरे पुल-पुलिया 10 सालों से विकास को मुंह चिढ़ा रहे हैं. अररिया-पूर्णिया फोरलेन एनएच-57 से अररिया प्रखंड के कुसियारगांव पंचायत के कोचगामा की दूरी सिर्फ 500 मीटर है. कुसियार गांव में कोसी धार पर पुल बनने के बावजूद सिर्फ एप्रोच पथ के न बनने के कारण लोगों को 500 मीटर की दूरी 15 किलोमीटर घूमकर तय करनी पड़ती है.
लोगों को कहना है कि पुल बनाने के बाद ठेकेदार बिना एप्रोच पथ बनाए काम छोड़कर भाग गए. वहीं दोनों तरफ एप्रोच पथ बन जाए उसके लिए न तो प्रशासन न ही किसी जनप्रतिनिधि ने कोई प्रयास किये. अगर यह पुल चालू हो जाता तो कोचगामा और जोकीहाट प्रखंड मुख्यालय सीधे एनएच से जुड़ जाता और करीब 5 लाख लोगों को इससे फायदा होता.
वहीं बता दें कि जोकीहाट से ही मो. शाहनवाज आलम विधायक है. इस बार उन्हें राजद ने अररिया लोकसभा से अपना प्रत्याशी बनाया है. इस पुल के बन जाने से पूर्णिया जिले के रौटा और जोकीहाट के दक्षिणी एरिया की सभी पंचायतों का सीधा संपर्क एनएच 57 से जुड़ जाता और कुसियार गांव रेलवे स्टेशन आने में सुविधा होती. लेकिन, विभागीय उदासीनता के कारण यह पुल आज तक अधूरा है.
कुसियार गांव में 2015 में इस पुल का शिलान्यास किया गया था, जिसकी लागत 2.56 करोड़ थी. जिसकी लंबाई 58.62 मीटर है. ठेकेदार को इसे 16 जून 2016 में ही पूर्ण कर आवागमन चालू करना था. ठेकेदार ने पुल का निर्माण तो पूरा कर दिया लेकिन अप्रोच मार्ग नहीं बनाया जिससे पूरे खेल हजारों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है.