जबलपुर। हिस्ट्रीशीटर अपराधी शमीम के कबाड़खाने में विस्फोट के बाद रिमांड में लिए गए उसके बेटे फहीम से पूछताछ में पुलिस को अहम सुराग मिले है। सूत्रों के अनुसार रिमांड के दौरान पुलिस फहीम को उसके घर और अन्य ठिकानों में लेकर गई थी। उन लोगों के पास तक भी पुलिस पहुंची जिनके फरार मोहम्मद शमीम और आरोपित फहीम से नजदीकियां और व्यापारिक साझेदारी है।
पुलिस एसआइटी के हाथ कुछ महत्वपूर्ण अभिलेख लगे। इन्हें खंगलाने पर सुरक्षा संस्थान और एयरफोर्स स्टेशन के कबाड़ क्रय से संबंधित कुछ जानकारियां मिली है। इनसे संबंधित कुछ पुराने रिकार्ड भी जांच टीम को मिले है। इस आधार पर एनआइए और एसआइटी अब सुरक्षा संस्थान और एयरफोर्स स्टेशन के अधिकारियों से मामले में पूछताछ कर सकती है। मामले में शमीम के साथ कबाड़ का काम करने वाले अन्य व्यापारियों से भी पूछताछ की एसआइटी तैयारी कर रही है।
न्यायालय के निर्देश पर भेजा गया जेल
खजरी-खिरिया बाइपास स्थित रजा मेटल इंडस्ट्रीज में 25 अप्रैल को विस्फोट के बाद पुलिस ने संचालक फहीम और हिस्ट्रीशीटर शमीम के साझेदार सुल्तान को गिरफ्तार किया था। दोनों को रिमांड में लेकर पूछताछ की थी। उसके बाद आरोपित सुल्तान को जेल भेज दिया गया था। फहीम को अधारताल पुलिस ने पुन: रिमांड पर लिया था। रिमांड अवधि समाप्त होने पर शुक्रवार को फहीम को न्यायालय में पेश किया गया। जहां, से उसे जेल भेज दिया गया है। विस्फोट के मामले में फरार हिस्ट्रीशीटर बदमाश मोहम्मद शमीम को भी आरोपित बनाया गया है। शमीम की गिरफ्तारी पर 15 हजार रुपये का नकद पुरस्कार घोषित किया गया है।
धीरे-धीरे नष्ट कर रहे बम और खोल
एनएसजी की जांच के साथ ही कबाड़खाने में मिले बम और उनके खोलों को निष्क्रिय करने का क्रम शुक्रवार को भी जारी रहा। सूत्रों के अनुसार बमों और बमों के खोल को निष्क्रिय करने के दौरान पूरी सावधानी और सुरक्षा रखी जा रही है। जिस प्रकार का विस्फोट हुआ था, उससे यह माना जा रहा है मौके पर एकत्रित विस्फोटक पदार्थ की तीव्रता काफी अधिक है। ऐसे में मौके से जब्त किए गए बमों आैर बम के खोल को कम-कम में संख्या में निष्क्रिय करने की प्रक्रिया चल रही है। ताकि एक साथ प्रक्रिया करने और उसमें जिंदा बम होने की स्थिति में बड़े नुकसान का अंदेशा कम रहे।
कबाड़ में ही उलझ गई जांच
कबाड़खाने में बड़े विस्फोट की घटना के कई दिन बाद भी छानबीन कर रही एजेंसी कबाड़ की जांच में ही उलझी हुई है। सूत्रों के अनुसार विस्फोट के बाद मौके पर भारी मात्रा में बमों के खोल और कई जिंदा बम भी मिले है। इसमें कुछ बमों के खोल सुरक्षा संस्थान के होने का संदेह है। हिस्ट्रीशीटर शमीम के साठगांठ से बैतूल जिले के आमला एयरफोर्स स्टेशन सहित आसपास के राज्यों से भी कबाड़ क्रय करने की बात पता चली है। जांच अधिकारी अभी तक यह नहीं समझ पा रहे है कि कबाड़ का काम करने वाले आरोपितों ने सालों पुराने बमों का भंडारण क्यों करके रखा था।