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2 साल में 100 करोड़ से 1100 करोड़ हो गए? सुप्रीम कोर्ट का ED से सवाल, केजरीवाल पर सुनवाई जारी

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शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज अंतरिम जमानत मिलेगी या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच इस याचिका पर सुनवाई कर रही है. ईडी की तरफ से एएसजी एसवी राजू ने दलील दे रहे हैं. ईडी ने 100 करोड़ रुपए के कैश ट्रांजेक्शन के बारे में जानकारी देना शुरू किया है. ED की तरफ पेश वकील एएसजी राजू ने कहा कि मनीष सिसोदिया की याचिका भी इन्हीं आधारों और तथ्यों पर सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की थी.

2 साल में 100 करोड़ से 1100 करोड़ हो गए?

एएसजी राजू ने कहा कि यह नष्ट किए जा रहे डिजिटल सबूतों पर एक नोट है. 100 करोड़ के नकद लेनदेन को हवाला के जरिए ट्रांसफर किया गया और दूसरे राज्यों में खर्च किया गया. इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि अभियोजन की यह शिकायत ईडी की है, सीबीआई की नहीं. एएसजी राजू ने कहा कि एक अभियोजन शिकायत, जो मनीष सिसोदिया की जमानत खारिज होने के बाद हुई. 1100 करोड़ रुपये कुर्क किए गए. जस्टिस खन्ना ने कहा कि 2 साल में 1100 करोड़ हो गया? आपने कहा कि अपराध की आय 100 करोड़ थी. यह 100 कैसे हो सकती है?

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राजू ने कहा कि यह पॉलिसी के फायदे पर आधारित है. जस्टिस खन्ना ने कहा कि यानी पूरा लाभ अपराध की आय नहीं है. राजू ने कहा कि इस स्तर पर यह तय करना आईओ का काम है कि कौन सा कथन सही है और कौन सा नहीं. जब हमने जांच शुरू की तो हमारी जांच सीधे तौर पर उनके खिलाफ नहीं थी. जांच के दौरान उनकी भूमिका सामने आई इसलिए शुरुआत में उनके बारे में एक भी सवाल नहीं पूछा गया क्योंकि जांच उन पर केंद्रित नहीं थी. तथ्यात्मक रूप से बयानों में कोई विरोधाभास नहीं है. उन्हें याचिकाकर्ता के पक्ष में नहीं माना जा सकता.

पहले व्यक्ति को कब गिरफ्तार किया गया?

जस्टिस खन्ना ने पूछा इस मामले में सरकार की ओर से पहले व्यक्ति की गिरफ्तारी की तारीख क्या है? इसके जवाब में एएसजी ने कहा कि 9 मार्च 2020. शरत रेड्डी के बयान के जरिए राजू अदालत को जांच के बारे में बताया. राजू ने कहा कि इसका केजरीवाल से कोई लेना-देना नहीं था. वे कहते हैं कि इसे दबा दिया गया. जस्टिस खन्ना ने कहा कि उनका तर्क है कि आप उस सवाल पर क्यों नहीं गए? ये सभी सतही सवाल हैं.

इसके जवाब में राजू ने कहा कि मेरे पास उस समय किसी को दोष देने का कोई कारण नहीं था. मैं यह पता लगाने की कोशिश कर रहा था कि इसमें कौन शामिल था. सीधे तौर पर (रिश्वत के बारे में) सवाल नहीं पूछ सकता था. जस्टिस खन्ना ने कहा कि अगर आप सवाल नहीं उठाते तो ये आपका मसला है. जस्टिस खन्ना ने पूछा कि आपने केस फाइल मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश की थी. इसके जवाब में राजू ने कहा कि पेश की गई थी. जांच के तथ्य भी रखे गए थे.

क्या आप केस डायरी मेंटेन करते हैं? कोर्ट ने ED से पूछा

जस्टिस खन्ना ने ED के वकील से पूछा कि क्या आप केस डायरी मेंटेन करते हैं? हम फाइल नोटिंग्स देखना चाहते हैं. फाइल देखने के बाद जस्टिस खन्ना ने कहा कि हमें कोई शंका नहीं हो रही. हम सिर्फ यहां पर देख रहे हैं कि पीएमएलए की धारा-19 की प्रक्रिया का अनुपालन किया गया या नहीं. राजू ने कहा कि हमारा पूरा ध्यान साक्ष्यों पर था और हमारे पास अब साक्ष्य है.

जस्टिस खन्ना ने कहा कि यह ठीक है. आप जो कह रहे हैं, राजनीतिक कार्यपालिका नीति निर्माण में बिल्कुल भी शामिल नहीं थी. यदि आप कह रहे हैं कि यह शामिल थी और आपको संदेह है, तो हमारे लिए यह मामला धारा 19 तक सीमित है. इस पर राजू ने कहा कि हमने पाया है कि केजरीवाल गोवा चुनाव के दौरान गोवा के एक 7 स्टार होटल में रुके थे. उनके खर्च का कुछ हिस्सा नकद स्वीकार करने वाले व्यक्ति द्वारा दिया गया था. यह राजनीति से प्रेरित मामला नहीं है. जस्टिस खन्ना ने कहा कि कृपया धारा 19 पीएमएलए पर ध्यान केंद्रित करें.

केजरीवाल आरोपीहैं, समझने में 2 साल लग गए? SC

जस्टिस खन्ना ने ED की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर आप कह रहे हैं कि सरकार के मुखिया होने के नाते केजरीवाल आरोपी हैं और इस घोटाले में शामिल हैं. इस नतीजे पर पहुंचने में आपको दो साल लग गए? यह तो एक जांच एजेंसी के लिए अच्छी बात नहीं है.

हमारे पास अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सबूत-ED

ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हमको राजनीति से कोई मतलब नहीं है. हमारे पास अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सबूत हैं. गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल ग्रैंड हयात होटल में रुके थे. चनप्रीत सिंह के माध्यम से होटल के लिए करीब एक लाख रुपए का भुगतान किया गया था. ईडी ने कहा कि भुगतान किया गया यह 1 लाख रुपया शराब नीति मामले में अपराध की आय का हिस्सा है.

केजरीवाल ने गिरफ्तारी को SC में दी है चुनौती

केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. उन्होंने अपनी याचिका में गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया है. इससे पहले 3 मई को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई थी. उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी जाए या नहीं, इस पर 7 मई को विचार किया जाएगा. शराब नीति केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और वह 1 अप्रैल से वह तिहाड़ जेल में बंद हैं.

3 मई की सुनवाई में क्या हुआ?

शीर्ष अदालत ने तीन मई को कहा था कि वह मौजूदा लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने पर विचार कर सकती है. केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में करीब दो घंटे सुनवाई हुई. केजरीवाल की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी और ईडी की तरफ से एएसजी एसवी राजू पेश हुए. दोनों पक्षों के वकीलों ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं.

सिंघवी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई सबूत नहीं है और उनकी गिरफ्तारी गैरकानूनी है. केजरीवाल ने ईडी के सभी 9 समन का जवाब दिया था. जांच एजेंसी के सामने पेश न होना गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता. वहीं, प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश वकील राजू ने केजरीवाल की गिरफ्तारी का आधार बताया थी.

उन्होंने कहा केजरीवाल को गिरफ्तार करने का फैसला सिर्फ जांच एजेंसी का नहीं है बल्कि एक स्पेशल जज द्वारा भी लिया गया था. राजू ने कहा कि केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को हाई कोर्ट में भी चुनौती दी थी लेकिन वहां से उनकी याचिका खारिज हो गई.

कोर्ट ने पूछे थे ये सवाल

सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने पूछा कि क्या ईडी ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ कोई मुकदमा चलाया है? सिंघवी ने जवाब दिया- नहीं. जस्टिस संजीव खन्ना ने पूछा- भविष्य में AAP को आरोपी बनाया जाएगा? सिंघवी ने कहा कि लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया जाए. जस्टिस संजीव खन्ना ने सिंघवी की दलील को गलत बताया और कहा कि प्रभारी व्यक्ति को जिम्मेदार माना जाएगा. क्या यह माना जा सकता है कि धारा 70 के तहत गिरफ्तार किया गया है.

सिंघवी ने कहा- मेरी दलील ये है कि महज कंपनी का नाम होने से उसके एमडी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति कंपनी का प्रभारी है, अगर उसकी कंपनी कोई क्राइम करती है तो उसका प्रभारी भी उसका जिम्मेदार होगा.

1 अप्रैल से तिहाड़ में बंद हैं केजरीवाल

शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के सीअम अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. 22 मार्च को उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उन्हें 28 मार्च तक ईडी रिमांड पर भेज दिया. फिर उनकी रिमांड 1 अप्रैल तक बढ़ाई गई. इस दिन उन्हें जेल भेज दिया गया. इस दौरान कोर्ट ने 15 अप्रैल तक उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ा दी. शराब घोटाले में केजरीवाल को नौ समन भेजा गया था लेकिन वो जांच एजेंसी के समझ कभी पेश नहीं हुए थे.

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