उज्जैन। गौतम मार्ग को चौड़ा करने में बाधा बने 22 धार्मिक स्थलों में से 18 धार्मिक स्थलों का जरूरी हिस्सा दो दिन सतत चली कार्रवाई में हटा दिया गया। शुक्रवार को हुई कार्रवाई के दौरान एक विशेष वर्ग ने हल्का विरोध भी किया। स्थिति नियंत्रित करने के लिए नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक तक को आना पड़ा। घंटेभर की बहस, बातचीत के बाद नगर निगम ने विरोध को दबाकर चिह्नित हिस्सा हटाकर ही दम लिया। प्रशासन ने दावा किया कि शेष धार्मिक स्थलों का जरूरी हिस्सा भी एक-दो दिन में हटा दिया जाएगा।
जिला प्रशासन, पुलिस एवं नगर निगम की संयुक्त टीम द्वारा की गई कार्रवाई का धार्मिक स्थलों के व्यवस्थापकों, पुजारियों द्वारा सहयोग भी दिया गया। हटाई गई प्रतिमाओं को प्रशासन द्वारा धार्मिक स्थलों के व्यवस्थापकों द्वारा बताए गए निर्धारित स्थान पर विधि विधान से स्थापित किया गया। साथ ही 20 से अधिक भवन जिनका गलियारा आगे बढ़ा लिया गया था। ऐसे भवनों के उस हिस्से को भी भवन स्वामियों द्वारा स्वेच्छा से तोड़ने की कार्रवाई की गई है। धार्मिक भावना आहत न हो इसका विशेष ध्यान रखा है।
कुछ मूर्तियों को व्यवस्थित न रखने से नाराज हुए लोग
प्रभावित धार्मिक स्थल की कुछ मूर्तियों को व्यवस्थित तरीके से न रखने पर लोग नाराज भी हुए। उनका मानना था कि पूजन पश्चात ही मूर्तियों को ससम्मान व्यवस्थित जगह रखना था।
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1230 मीटर लंबे गौतम मार्ग को 15 मीटर चौड़ा किए जाने का भूमि पूजन नगर निगम ने 28 मई 2023 को उच्च शिक्षा मंत्री रहते डाॅ. मोहन यादव (अब मुख्यमंत्री) से कराया था। दावा किया था कि ढाई माह यानी 15 अगस्त से पहले चौड़ीकरण काम पूरा करवा लिया जाएगा। मगर ऐसा न हो सका।
मार्ग चौड़ीकरण की जद में आ रहे धार्मिक स्थलों की जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई भी पूरी न हो सकी। 439 परिवारों के मकान-जमीन अधिग्रहण के लिए चार से छह मीटर तक तोड़े जाने के बाद मार्ग पर भूमिगत सीवरेज, पेयजल पाइपलाइन बिछाने, सड़क-नाली बनाने काम भी समय से पिछड़ा। समय रहते लोगों को अपने टूटे मकान दुरुस्त कराने या नया मकान खरीदने को मुआवजा भी नहीं मिला। 9 करोड़ 90 लाख रुपये की मार्ग चौड़ीकरण योजना अंतर्गत छह कराेड़ रुपये का काम हो चुका है और लगभग पांच करोड़ रुपये का भुगतान ठेकेदार कंस्ट्रक्शन कंपनी को कर दिया है।