उत्तर प्रदेश के कानपुर में क्राइम ब्रांच पुलिस ने बिटकॉइन और क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से लोगो से करोड़ों की ठगी के करने वाले गिरोह का खुलासा किया है. इस गिरोह के फ्रॉड करने का तरीका अलग था. न्यूज़ की तरह वीडियो बनाते और फिर उसे रिलीज करके उपभोक्ताओं को क्रिप्टो बिटकॉइन में पैसा लगाने के लिए प्रेरित करते थे.
इसके बाद जब लालच में फंसकर लोग पैसा लगा देते थे, तो उनका पैसा अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लेते थे. इस गिरोह को तीन लोगों ने मिलकर शुरू किया और इसके लिए बाकायदा कॉल सेंटर भी बनाया. इस कॉल सेंटर के जरिए वह लोगों को फोन कर कर बिटकॉइन और क्रिप्टो करंसी में पैसा लगाने के गुमराह करते थे.
शहर के पास बनाया फर्जी ऑफिस
शहर के कल्याणपुर में ही इसके लिए एक ऑफिस बना रखा था. क्राइम ब्रांच में जब इस तरह की शिकायत आई, तो टीम ने जांच शुरू की और दो युवतियों समेत 3 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. कानपुर क्राइम ब्रांच पुलिस टीम ने ऐसे साइबर फ्रॉड करने वालों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने बड़े ही नए अंदाज में बिटकॉइन और क्रिप्टो करेंसी जैसा एक वेबसाइट बनाकर उससे फ्रॉड करने का नया तरीका निकाला. साइबर क्राइम में जब इस मामले को लेकर एक शिकायत आई तब क्राइम ब्रांच पुलिस ने तत्काल ही इस मामले में टीम लगाकर जांच शुरू कराई.
पीड़ित मुहम्मद इरशाद ने बताया कि वेबसाइट से योजना के बारे में पता चला, जिसके बाद 80 लाख रुपए लगाए लेकिन पैसे निकालने के समय आरोपियों ने ब्लॉक कर दिया. कंपनी में काम करने वाले 1000 लोग बताए गए थे, वह सभी फर्जी निकले, पुलिस की जांच में पता चला कि पीड़ित व्यापारी दिल्ली में काम करता है.
डीसीपी क्राइम ने क्या कहा?
डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया की फ्रॉड करने वाले इन शातिरों ने सबसे पहले एक वेबसाइट बनाई जिसका नाम www.wntro.com है. क्रिप्टो में इन्वेस्ट कर बड़ा मुनाफा का लालच देने वाली स्कीम में लोगों को बात कर फसाना शुरू किया. लोगों ने क्रिप्टो करंसी में पैसा लगाकर ज्यादा मुनाफा कमाने की चाहत में पैसा लगाने शुरू किया लेकिन जब लगातार सैकड़ों लोगों से फ्रॉड हुआ तो इस मामले में शिकायत दर्ज कराई गई. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस मामले में राजेश कुमार सिंह ,चंद्रभान सिंह, विपिन कुमार सिंह के साथ दो युवतियों को गिरफ्तार किया गया है.