तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से लगातार चौथी बार जीत हासिल करने वाले कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि चुनाव परिणाम भाजपा के लिए एक सबक है कि जब वह सांप्रदायिकता के बजाय विकास जैसे अन्य रास्तों पर चलती है तो उसका बेहतर प्रदर्शन होता है। थरूर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी के राजीव चंद्रशेखर को 16,077 मतों से शिकस्त दी। थरूर ने कहा कि चुनाव परिणाम मतदाताओं द्वारा भाजपा को दिया गया एक गंभीर संदेश है कि उनकी शासन प्रणाली में व्यापक सुधार की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, “…मुझे हमेशा लगता था कि भाजपा केरल में हद पार कर रही है, क्योंकि उनके संदेशों में सांप्रदायिकता समाहित है। जब वे दूसरे रास्तों पर चलते हैं तो बेहतर प्रदर्शन करते हैं। चाहे वह विकास का रास्ता हो, जिसका राजीव चंद्रशेखर ने यहां समर्थन किया हो या अल्पसंख्यकों तक जागरूकता से पहुंचने का सुरेश गोपी द्वारा किया गया प्रयास।” उन्होंने कहा, “जब आप उत्तर भारतीय भाजपा के पारंपरिक स्वरूप से आगे बढ़ते हैं, तभी आप केरल के मतदाताओं को आकर्षित कर सकते हैं। और यह चयन की एक बहुत ही स्पष्ट प्रवृत्ति है।”
400 का आंकड़ा पार करना असंभव था- थरूर
शशि थरूर ने आगे कहा कि यह हमेशा से स्पष्ट था कि भाजपा के लिए 400 का आंकड़ा पार करना असंभव था, 300 तक पहुंचना बहुत कठिन था और 200 तक पहुंचना एक चुनौती होगी। उन्होंने कहा, “मैं यही कह सकता हूं कि हम हमेशा से इस बात को लेकर स्पष्ट थे कि ‘400 पार’ असंभव है, यह एक कल्पना है, और ‘300 पार’ बहुत कठिन है। हमने कहा कि ‘200 पार’ भाजपा के लिए एक चुनौती होगी।”
राजीव चंद्रशेखर ने स्वीकार की हार
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार राजीव चंद्रशेखर ने थरूर से मंगलवार को हार स्वीकार कर ली, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि केरल में चुनाव परिणाम इसका संकेत देते हैं कि भाजपा के लिए लोगों का समर्थन बढ़ रहा है। चंद्रशेखर ने कहा कि यह ‘‘निराशाजनक” है कि वह हार गए, हालांकि भाजपा ने राज्य में बहुत मजबूती से लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा, “हम बहुत करीब रहे और हमने रिकॉर्ड वोट हासिल किया है। यह दर्शाता है कि केरल के लोग भाजपा का समर्थन कर रहे हैं। यह निराशाजनक है कि मैं आज जीत नहीं सका, लेकिन मैंने एक ‘साफ-सुथरा’ प्रचार अभियान चलाया। हमने अपने विपक्ष की तरह विभाजनकारी राजनीति नहीं की। केरल में भाजपा की बढ़त पूरी तरह से अपेक्षित है और यह जारी रहेगी।”