छिंदवाड़ा की जनता ने जो विदाई दी मैं स्वीकार करता हूं- स्टेज भर भावुक हुए कमलनाथ, सुनकर रो पड़े कार्यकर्ता
45 वर्षों का सपना एकाएक भाजपा ने छिंदवाड़ा लोकसभा को फतह कर पूरा कर लिया। एक लाख 13 हजार से अधिक मतों से विवेक बंटी साहू ने पूर्व सीएम कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ को पटखनी देते हुए जीत की इतिहास रच दिया है। इसी हार की समीक्षा करने को लेकर एकदिवसीय दौरे पर छिंदवाड़ा पहुंचे कमलनाथ ने नम आंखों से अपनी हार को स्वीकार करते हुए लोकसभा में हार समीक्षा करने की बात कही। पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि केवल एक सीट की बात नहीं है। इतनी लंबी हार हुई है। यह सोचने की बात है, परंतु देश में हमारे अच्छे परिणाम आए हैं जो मोदी जी कहते थे 300 पार 400 पार उनकी केवल 240 सीट आई है और हमारे गठबंधन की अच्छी सीट आई है। अब यह आने वाली राजनीति को एक नई दिशा देगी।
कमलनाथ की बातें सुनकर कार्यकर्ताओं के छलके आंसू
पूर्व सीएम कमलनाथ और पुत्र नकुलनाथ ने कांग्रेस पदधिकारी और कार्यकर्ताओं की बैठक ली। इस बैठक में कांग्रेस के सातों विधायक मौजूद रहे। जैसे ही मंच से कमलनाथ ने हार की समीक्षा को लेकर बातें शुरू की वैसे ही कांग्रेस पदधिकारी और कार्यकर्ताओं के आंखों से आंसू न रुक पाए। वही सौसर विधायक विजय चौरे भी बातें सुनकर उनकी आंख से आंसू झलक गए।
कमलनाथ ने कहा कि “छिंदवाड़ा की जनता ने उन्हें विदाई दी है और यह विदाई में स्वीकार करता हूं”। कमलनाथ की इस बात पर बैठक में मौजूद कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी की आंखें नम हो गई। कमलनाथ ने साफ इशारा कर दिया है कि अब उनकी विदाई छिंदवाड़ा से हो चुकी है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा की छिंदवाड़ा की जनता और उनका संबंध 45 साल पुराना है। यह संबंध हमेशा बना रहेगा और वह छिंदवाड़ा की जनता के आभारी है कि उन्होंने 45 साल तक उन्हें प्यार और शक्ति प्रदान की जिसकी बदौलत में लगातार आगे बढ़ते रहे। कमलनाथ ने छिंदवाड़ा आने को लेकर बताया कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ने पूरे देश में बेहतर काम किया और जनता ने भी हमें सहयोग किया है। इसलिए मुझे दिल्ली बुलाया जा रहा था। लेकिन मैंने कहा कि पहले मैं छिंदवाड़ा जाऊंगा और छिंदवाड़ा की जनता के साथ इस समय पर खड़ा रहूंगा उसके बाद ही दिल्ली आऊंगा। उन्होंने आगे कहा कि कार्यकर्ताओं की इस हार का कारण आप खुद तलाश कीजिए और जो भी निष्कर्ष निकलता है वह मुझे व्यक्तिगत रूप से भी आप भेज सकते हैं।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष विश्वनाथ ओकटे सौंपा इस्तीफा
बैठक के दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे दिया उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सातों विधानसभा में भाजपा को शिकस्त दी थी। जिसका श्रय मुझे दिया गया था। इसी प्रकार हार की जिम्मेदारी भी स्वीकार करते हुए अपने पदों से इस्तीफा देता हूं। हालांकि अभी उनका इस्तीफा स्वीकार होगा या नहीं यह आने वाला वक्त बतायेगा।