कुख्यात गैंगस्ट गोल्डी बराड़ के सहयोगियों के 9 परिसरों में नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी ने ताबड़तोड़ तलाशी ली है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आज चंढीगढ से संबंधित जबरन वसूली और गोलीबारी के मामले में इस तरह की कार्रवाई की है. एनआईए का ये एक्शन करणी सेना प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्या मामले में गोल्डी बराड़ के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के एक दिन बाद लिया गया है. उन सभी से पूछताछ जारी
दरअसल एनआईए गोल्डी बराड़ के इन सभी सहयोगियों से उसके गैंग के बारे में और अधिक जानकारी के लिए पूछताछ कर रही है. नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी एनआईए ने पिछले साल करणी सेना प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या में कथित संलिप्तता को लेकर कनाडा स्थित गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और 11 अन्य के खिलाफ बुधवार को चार्जशीट दाखिल किया था.
NIA ने बताया कैसे हुई थी हत्या
करणी सेना के चीफ गोगामेड़ी की दिसंबर 2023 में जयपुर की श्याम नगर कॉलोनी स्थित उसके आवास में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हमले में दो अन्य लोगों- नवीन शेखावत और अजीत सिंह की भी मौत हो गई थी जबकि गोगामेड़ी का बॉडीगार्ड नरेन्द्र सिंह घायल हो गया था. नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि एनआईए ने मामले में तेजी से जांच करते हुए गोगामेड़ी की हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार किया. गैंगस्टर महेंद्र कुमार, रावतराम स्वामी उर्फ रोहित गोदारा, वीरेंद्र चरण और सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ सहित चार अभी भी फरार है.
NIA की जांच में क्या पता चला?
एनआईए के बयान के अनुसार जांच में गोगामेड़ी की हत्या के पीछे आतंकवादी-गैंगस्टर गिरोह के शामिल होने का पता चला है.एनआईए की जांच में पता चला है कि रोहित गोदारा मुख्य साजिशकर्ता था. रोहित ने आरोपी वीरेंद्र चारण, गोल्डी बरार और बाकी लोगों के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी. हत्या के बाद रोहित गोदारा और गोल्डी बराड़ ने सोशल मीडिया के जरिए इसकी जिम्मेदारी भी ली थी. इसके बाद लोगों को धमकाया भी और उनसे पैसे भी ऐंठे.
बराड़ भारत के लिए है आंतवादी
बराड़ को सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत आतंकवादी घोषित किया है. वह सीमा पार से ड्रोन के जरिए हथियारों, गोला-बारूद जैसी विस्फोटक सामग्री की तस्करी करता है और हत्याओं को अंजाम देने के लिए शार्पशूटर को भी हायर करता है. जयपुर में एनआईए की विशेष अदालत के सामने दायर अपने चार्जशीट में एनआईए ने सभी 12 पहचाने गए आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम और यूएपीए के तहत आरोप लगाए हैं.