छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में सतनामी समाज के लोगों ने इतना उग्र प्रदर्शन किया कि कलेक्ट्रेट परिसर और एसपी दफ्तर को आग के हवाले कर दिया। डीएम और एसपी दफ्तर परिसर में रखी सैकड़ों दो पहिया, चार पहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया। हादसे में करोड़ों का नुकसान हुआ है। वहीं एसपी और कलेक्टर को भागकर जान बचानी पड़ी। हादसे के बाद पुलिस प्रशासन सख्त एक्शन की तैयारी में है।
दरअसल, बलौदा बाजार में सतनामी समाज के प्रदर्शनकारी गिरौधपुरी में अपने धार्मिक चिन्ह जैतखाम और मंदिर तोड़े जाने को लेकर प्रशासन को लगातार ज्ञापन दे रहे थे लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई पुख्ता जांच के आदेश नहीं दिए गए थे जिसको लेकर आज एक उग्र प्रदर्शन किया और प्रदर्शन करते-करते वह दशहरा मैदान से कलेक्ट्रेट पहुंच गए। हालांकि सुरक्षा के मध्य नजर कलेक्ट्रेट परिसर के आसपास बैरिकेडिंग लगाई गई थी। सैकड़ों पुलिस के जवान तैनात किए गए थे लेकिन प्रदर्शनकारी 2 हजार से 3 की संख्या में थे जो वेरिकेटिंग तोड़ते हुए अंदर जा घुसे जिन्होंने कलेक्ट्रेट परिषद में तोड़फोड़ की उसके बाद यहां रखी हुई गाड़ियों को आपके हवाले कर दिया। कई कारों को जला दिया। आग इतनी तेज फैली कि कलेक्टर एसपी दफ्तर जलने लगे। मौके से सुरक्षा के लिहाज से कलेक्टर एसपी को बाहर निकलना पड़ा। अब इस घटना के बाद रायपुर इस घटनास्थल पहुंचे हुए हैं। गृहमंत्री ने पूरी घटना में जांच के आदेश दिए हैं तो वहीं मुख्यमंत्री ने चीफ सेक्रेटरी को डीजीपी को तलब किया है।
घटना के बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। इसमें पुलिसकर्मियों सहित कुछ लोग भी घायल हुए हैं। आगजनी और तोड़फोड़ के चलते बड़ी संख्या में वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। दर्जनों चार पहिया और दो पहिया वाहन जलकर खाक हो गए। वहीं कलेक्टर और एसपी दफ्तर में भी आग से लाखों रुपए का नुकसान हुआ है।
घटना के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उपद्रवियों की गिरफ्तारी के आदेश जारी कर दिए हैं। साथ ही इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है। वहीं दिल्ली गए डिप्टी CM और गृहमंत्री विजय शर्मा सूचना मिलने के बाद रायपुर पहुंच रहे हैं। पहले उन्हें मंगलवार को रायपुर लौटना था।
ये है पूरा मामला
15 मई की देर रात सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। जैतखाम तोड़े जाने के विरोध में समाज के हजारों लोग कलेक्ट्रेट के पास मौजूद दशहरा मैदान में कई दिन से प्रदर्शन कर रहे थे।
पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लोगों का आरोप है कि पकड़े गए लोग असली आरोपी नहीं हैं और पुलिस दोषियों को बचा रही है। सोमवार को प्रदर्शन के दौरान लोग इसी बात को लेकर उग्र हो गए। इसके बाद हालात बिगड़ते चले गए।