देश की बनने वाली 100 स्मार्ट सिटी में एक प्रयागराज की विकास की रफ्तार धीमी हो गई है. विकास के काम में प्रयागराज पिछड़ गया है. यूं तो प्रयागराज स्मार्ट सिटी में शामिल है लेकिन जिस तरह से स्मार्ट सिटी में काम होना चाहिए, वैसा काम प्रयागराज में नहीं हो रहा है. भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ो में प्रयागराज टॅाप 20 से बाहर चला गया है. करीब 930 करोड़ का बजट प्रयागराज के विकास कार्यों के लिए दिया गया था. जिसमें की करीब 860 करोड़ रूपयें खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन फिर भी केंद्रीय आवास एवं शहरीय कार्य मंत्रालय की रैंकिंग में प्रयागराज की रैकिंग निराश करने वाली है. छोटे-बड़े कामों को मिलाकर लगभग 104 काम पूरे किए जा चुके हैं, लेकिन अभी भी पांच बड़े काम बाकी हैं.
मैनेजर संजय रथ ने रैंकिंग पर क्या कहा?
स्मार्ट सिटी मिशन प्रयागराज के मैनेजर संजय रथ ने कहा यह रैंकिग मायने नही रखती है. बेबसाइट पर रैंकिग घटती-बढ़ती रहती है. क्योंकि जिस शहर के विकास काम पूरे होते रहते हैं उनकी जानकारी ऑनलाइन अपलोड करने पर तुरंत बेबसाइट पर रैंकिग बढ़ जाती है. स्मार्ट सिटी मिशन के तहत होने वाले प्रयागराज के करीब 90 प्रतिशत काम पूरे हो चुके हैं. बल्कि 10 प्रतिशत 5 बड़े कार्म अभी बाकी हैं. छोटे-बड़े कामों को मिलाकर 104 काम अभी तक प्रयागराज में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत पूरे किये जा चुके हैं. बहुउद्देशीय भवन का निर्माण जल्द पूरा हो जाएग तो प्रयागराज की रैंकिंग अंडर 20 शहरों में आ जाएगा.
कैसे बिगड़ी प्रयागराज की रैंकिग?
स्मार्ट सिटी बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 100 शहरों को चुना हैं. इन शहरों में अत्याधुनिक तमाम काम किए जा रहै हैं. इसके तहत सड़क निर्माण, बस स्टैंड स्ट्रीट लाईट, सीसीटीवी कैमरा, पब्लिक बाइक शेयरिंग, स्मार्ट लाइब्रेरी और स्मार्ट क्लासेज आदि काम किए जा रहे है.