जबलपुर। मध्य प्रदेश के काॅलेजों में प्रवेश की प्रक्रिया जारी है। काॅलेज में प्रवेश लेने के बाद भी विद्यार्थी अपना दाखिला निरस्त करवा सकते हैं उनकी पूरी फीस भी काॅलेजों को वापिस करनी होगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने इस संबंध में स्पष्ट निर्देश दिए है। 30 सितंबर तक विद्यार्थी प्रवेश को लेकर फैसला ले सकते हैं।
इसके पश्चात यदि दाखिला निरस्त करवाते हैं तो उनकी फीस से एक हजार रुपये काॅलेज काटकर शेष राशि लौटाएंगे। उच्च शिक्षा विभाग ने भी इस बारे में आदेश जारी किया है। अब काॅलेज विद्यार्थियों को प्रवेश के बाद काॅलेज में रहने के लिए बाध्य नहीं कर पाएंगे। विद्यार्थियों के मूल दस्तावेज भी काॅलेज नहीं रख पाएंगे। यह आदेश काॅलेजों के अलावा विश्वविद्यालय पर भी लागू होगा।
विद्यार्थियों को नहीं मिलती थी पर्याप्त जानकारी
बता दे कि कई काॅलेज विद्यार्थियों को ऑनलाइन जानकारी जो देते हैं वो काॅलेज में प्रवेश लेने के बाद विद्यार्थियों को पूरी नहीं मिलती है। कई विषयों में शिक्षकों की कमी, कक्षाएं और अन्य संसाधन उपलब्ध नहीं होते हैं ऐसे में विद्यार्थी प्रवेश लेने के बाद खुद को ठगा महसूस करते थे।
अब शुल्क नहीं वसूल पाएंगे कॉलेज
वे दाखिला निरस्त करवाने की सोचते थे तो काॅलेज इसकी एवज में शुल्क वसूल लेते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। इसके तहत 30 सितंबर तक दाखिला वापस लेने वाले छात्रों की पूरी फीस कॉलेज वापस करेगा, वहीं 31 अक्टूबर तक एडमिशन वापस लेने वाले छात्रों की एक हजार रुपये कटौती के साथ फीस लौटाई जाएगी। इसका लाभ कामन यूनिवर्सिटी एंटेंस टेस्ट के माध्यम से विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को भी मिलेगा।