मध्य प्रदेश के उमरिया जिला जेल में जमानत के बाद भी कैदियों की रिहाई नहीं हो पा रही है. उनको जेल से बाहर निकालने के लिए 500 रुपये कैदी के हिसाब से रिश्वत मांगी जा रही है. ऐसा आरोप जेल में निरुद्ध कैदियों के परिजन लगा रहे हैं. जेल में निरुद्ध कैदियों के परिजनों ने अदालत से उनकी जमानत करवाई. जिला जेल उमरिया में उनकी रिहाई के आदेश शाम 6 बजे तक भिजवा दिए गए, लेकिन जेल प्रशासन उनकी रिहाई के नाम पर टालमटोल करता रहा.
मंगलवार की देर रात तक जेल के बाहर जमानत हुए कैदियों के परिजन खड़े रहे. का इंतजार के बाद भी जमानत पर कैदियों को रिहा नहीं किया तो परिजनों ने हंगामा मचा डाला. जेल प्रशासन से बात करने की कोशिश की गई. वहां से किसी भी तरह की बात नहीं की गई. मायूस परिजन जेल के बाहर अपनों का निकलने का इंतजार करते रहे.
जमानत के बाद भी नहीं मिली रिहाई
उमरिया जिला जेल में निरुद्ध कैदियों के परिजनों ने जिला अदालत से जमानत कराई थी. वह उनकी रिहाई के लिए जिला जेल पहुंचे. शाम होने के बाद भी उन्हें रिहा नहीं किया गया. जब जेल अधिकारी से परिजनों ने पूछा तो उनसे प्रत्येक कैदी के 500 रुपये मांगे गए. गांव चंसुरा से आये कैदी के परिजन शीतल चौधरी ने बताया कि जब हम जेल के अधिकारी से रिहाई की बात किये तो कहा गया कि अभी लिखा-पढ़ी चल रही है. अभी दस्तखत नही हुए हैं, जबकि सूर्यास्त से पहले रिहाई हो जानी चाहिए. हमारे परिजन को छोड़े नहीं गया.
रात 11 बजे हो सकी रिहाई
उनका आरोप है कि बाद में जेल अधिकारी कहते हैं कि प्रति कैदी 500 रुपये दो तो हम छोड़ देंगे. नहीं तो इनकी कल रिहाई होगी. जले अधिकारी की डिमांड और देरी से कैदियों के परिजन गुस्सा हो गए. आक्रोशित होकर उन्होंने जेल के सामने हंगामा कर दिया. बात ज्यादा बढ़ी तो करीब 11 बजे रात जेल में निरुद्ध कैदियों की रिहाई जेल प्रशासन द्वारा की गई. कैदियों के परिजनों ने बताया कि वह लोग दूर-दूर से आये हैं, कुछ तो दूसरे जिले से भी आये थे. इस मामले में जब जिला जेल अधीक्षक से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कोई बात ही नही की.