विधानसभा में कांग्रेस ने उठाई नर्सिंग घोटाले पर चर्चा की मांग, मंत्री बोले- यह मामला हाईकोर्ट में है
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र की शुरुआत हंगामेदार रही। विधानसभा में नर्सिंग कॉलेज घोटाले को लेकर हंगामा कांग्रेस के सदस्यों ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा करने की मांग उठाई। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि यह लाखों बच्चों के भविष्य से जुड़ा हुआ विषय है। मंत्रियों और अधिकारियों ने गड़बड़ी की है। इस पर काम रोककर चर्चा कराई जानी चाहिए।
वहीं सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गी ने कहा कि नियम यह है कि जो विषय न्यायालय के समक्ष विचाराधीन होता है, उसे पर सदन में चर्चा नहीं कराई जाती है। इस पर नेता प्रतिपक्ष में कहा कि हम उसे विषय पर चर्चा ही नहीं कर रहे हैं। नर्सिंग काउंसिल को लेकर कहीं कोई रोक नहीं है। सरकार ने नियमों में बदलाव कर मंत्री और अधिकारियों को नियम दे दिए। इसके कारण भारी भ्रष्टाचार हुआ है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सत्र के दौरान कई अवसर आएंगे जिस पर इस विषय को उठाया जा सकता है। इधर विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा रहा और सभी सदस्यों ने एक साथ खड़े होकर स्थगन प्रस्ताव स्वीकार करने की मांग उठाई।
इसी बीच कांग्रेस विधायक भंवर सिंह शेखावत ने नीट परीक्षा की गड़बड़ियों का विषय उठा दिया। इसके बाद सभी मंत्री और विधायक खड़े हो गए और उन्होंने इसका विरोध किया। फिर सदन की कार्रवाई 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
बैठक से पहले कांग्रेस विधायकों ने किया प्रदर्शन
विधानसभा सत्र की शुरुआत से पहले कांग्रेस विधायकों ने गांधी प्रतिमा के सामने किया प्रदर्शन नर्सिंग घोटाले को लेकर तत्कालीन शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के इस्तीफा की मांग कर प्रदर्शन किया।
डिप्टी सीएम ने कहा- ममाले की जांच हो रही है
उप मुख्यमंत्री स्वास्थ्य राजेंद्र शुक्ल ने कांग्रेस के हंगामे पर कहा कि हाई कोर्ट के निर्देश पर जांच हो रही है। जब चर्चा होगी, तब सब सामने आ जाएगा। कांग्रेस केवल राजनीति कर रही है। सदन में मुख्यमंत्री ने इशारा किया तब खड़े हुए सभी मंत्री और विधायक।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा- मैं भी अपना आयकर स्वयं भरूंगा
विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने सदन को अवगत कराया कि सरकार ने यह निर्णय लिया है कि मुख्यमंत्री और मंत्री अब अपना आयकर स्वयं भरेंगे। मैं यह घोषणा करता हूं कि विधानसभा अध्यक्ष के नाते अपना आयकर स्वयं भरूंगा।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि हम भी इसमें शामिल हैं। उल्लेखनीय कि मोहन सरकार ने मंत्री वेतन भत्ता अधिनियम में संशोधन करने का निर्णय किया है। यह विधेयक मानसून सत्र में ही प्रस्तुत किया जाएगा, जिसका अनुमोदन आज कैबिनेट ने भी कर दिया।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय बोले- सरकार चर्चा से नहीं भागती है
सदन की कार्रवाई शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार फिर खड़े हुए और स्थगन पर विचार करने की मांग रखी। संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि यह मोहन यादव की सरकार है चर्चा करने से भागती नहीं है।
चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक भंवर सिंह शेखावत ने तेज स्वर में कहा कि सरकार चर्चा से भाग रही है। यह लाखों युवाओं के भविष्य से जुड़ा हुआ विषय है, जो दोनों दलों में हैं। इसको विचारधारा से नहीं बांधा जाना चाहिए। उनके तेज स्वर में बोलने पर मुख्यमंत्री ने आपत्ति जताते हुए कहा कि हमें उत्तेजना में बात सुनने की आदत नहीं है, सभी सदस्य मर्यादा में रहें।
मंगलवार को प्रश्नकाल के बाद होगी नर्सिंग घोटाले पर चर्चा
सरकार किसी भी चर्चा से नहीं भाग रही है। हर रूप में चर्चा के लिए तैयार है। हम डरने और पीछे हटने वाले नहीं है। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था दी कि मंगलवार को प्रश्नकाल के बाद इस विषय पर चर्चा कराई जाएगी।
14 बैठकें होगी विधानसभा में
भाजपा के पाले में आ चुके कांग्रेस के विधायक रामनिवास रावत को सदन में सत्ता पक्ष का आसन क्रम समाप्त होने के बाद पहली पंक्ति में ही बैठने का स्थान दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के स्थान पर सदन के वरिष्ठतम विधायक गोपाल भार्गव बैठे।
एक से 19 जुलाई तक चलने वाले मानसून सत्र में कुल 14 बैठकें होंगी। सदस्यों ने ध्यानाकर्षण की 163, एक स्थगन, 27 अशासकीय संकल्प और शून्यकाल की 43 सूचनाएं दी हैं।
रामनिवास रावत की जगह बैठे लखन घनघोरिया
सदस्यों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके निर्देश विधानसभा अध्यक्ष ने दिए हैं। मीडिया से चर्चा में कहा कि नियमों के अंतर्गत जो भी विषय आएंगे, उन पर सहमति बनाकर चर्चा कराई जाएगी। कांग्रेस विधायक दल द्वारा रामनिवास रावत का स्थान लखन घनघोरिया को देने के कारण विधानसभा सचिवालय ने उनकी वरिष्ठता को देखते हुए पहली पंक्ति में ही बैठाने का निर्णय लिया है।