Breaking
प्रयागराज में मिशनरी स्कूल की कुर्सी का खेला, अंदर घुसे प्रिंसिपल को धक्का दिया… फिर किया कब्जा गुजरात में छह मंजिला इमारत ढही, 15 लोग गंभीर… 5 लोगों के फंसे होने की आशंका यंग ब्रिगेड के पास बीजेपी की कमान, प्रभारियों की औसत उम्र घटी; क्या हैं मायने? जेल में बंद दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें बढ़ीं, LG वीके सक्सेना ने CCTV रिश्वत ... जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में दो जगहों पर सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी, एक जवान शही... चीन को मुंहतोड़ जवाब देगा टैंक ‘जोरावर’, भारतीय सेना में होगा शामिल LG ने रिश्वत मामले में सत्येंद्र जैन पर जांच की दी अनुमति, आतिशी ने कहा- अब ये एक और फर्जी केस शराब पार्टी पड़ी भारी, दोस्तों ने पहले बनाए जाम फिर नहर में फेंका…. दूसरे दिन मिला शव छोटे दलों से तालमेल, निर्दलियों को समर्थन… क्या है BJP का ‘मिशन कश्मीर’? नहीं हो पाएंगे बाबा बर्फानी के दर्शन, अमरनाथ यात्रा के बीच पिघला शिवलिंग

महाराष्ट्र MLC चुनाव: कांग्रेस का असल इम्तिहान, उद्धव ठाकरे और शरद पवार किसके सिपहसलार का देगी साथ

Whats App

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए विधान परिषद के जरिए सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है. लोकसभा चुनाव में झटका लगने के बाद बीजेपी ने ओबीसी चेहरों को विधान परिषद में उतारकर सियासी समीकरण को दुरुस्त करने का दांव चला है. राज्य की 11 विधान परिषद सीटों पर कुल 14 प्रत्याशी मैदान में उतरने से मुकाबला रोचक हो गया है. बीजेपी के अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन से 9 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं तो कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन से तीन प्रत्याशी मैदान में हैं.

विधायकों के आधार पर एनडीए की सभी सीट निकलती नजर आ रही हैं. ऐसे ही कांग्रेस की अपनी एक सीट पर जीत तय मानी जा रही है, लेकिन असल चुनौती तो उद्धव ठाकरे और शरद पवार की है. उद्धव और शरद ने अपने-अपने करीबी नेताओं को एमएलसी चुनाव में उतार रखा है. अपने मौजूदा विधायकों के आधार पर न उद्वव ठाकरे के करीबी की जीत नजर आ रही है और न ही शरद पवार के सिपहसलार की. इस तरह दोनों दलों के जीत का आधार कांग्रेस पर टिका है. ऐसे में अब देखना है कि कांग्रेस विधान परिषद चुनाव में किसके समर्थन में खड़ी नजर आती है?

MLC चुनाव में किस पार्टी से कौन कैंडिटेट

Whats App

महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए से 9 उम्मीदवार मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं. बीजेपी से एमएलसी चुनाव में पंकजा मुंडे, डॉ.परिणय फुके, अमित बोरखे, योगेश टिलेकर और सदाभाऊ खोत मैदान में है. सदाभाऊ महाराष्ट्र के एनडीए में शामिल रयत क्रांति पार्टी के अध्यक्ष और मराठा समुदाय से आते हैं, लेकिन बीजेपी ने उन्हें अपने टिकट पर एमएलसी का प्रत्याशी बनाया है.

एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने पूर्व सांसद भावना गवली का लोकसभा टिकट काटने के बाद अब विधान परिषद का प्रत्याशी बनाया है. इसी तरह से कृपाल तुमाने को भी एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से विधान परिषद में भेजने के लिए टिकट दिया है. अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने एमएलसी के लिए शिवाजीराव गर्जे और राजेश विटेकर को उम्मीदवार बनाया है.

वहीं, कांग्रेस नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन की तरफ से कांग्रेस ने मौजूदा विधान परिषद सदस्य प्रज्ञा सातव को फिर से एमएलसी चुनाव में उतारा है. इसके साथ उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी शिवसेना (यूबीटी) की ओर से अपने निजी सचिव मिलिंद नार्वेकर को विधान परिषद भेजने का फैसला किया है. शरद पवार गुट वाली एनसीपी ने जयंत पाटिल को एमएलसी चुनाव में उतारा है.

किसके कितनी सीट पर मिलेगी जीत

महाराष्ट्र की 11 एमएलसी सीटों पर होने वाले चुनाव में बीजेपी के पांच, शिंदे की शिवसेना और एनसीपी अजित पवार गुट ने दो-दो, कांग्रेस ने एक, उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने एक और शरद पवार की एनसीपी ने जयंत पाटील को समर्थन देने का निर्णय लिया है. महाराष्ट्र की विधानसभा में कुल 288 सदस्य हैं, लेकिन मौजूदा समय में 274 विधायक हैं. इस लिहाज से एक एमएलसी सीट जीतने के लिए प्रथम वरीयता के आधार पर कम से कम 23 विधायकों के समर्थन चाहिए.

बीजेपी के 103 विधायक हैं तो उसके सहयोगी अजीत पवार की एनसीपी के पास 40 विधायक और शिंद की शिवसेना के 38 विधायक हैं. इसके अलावा एनडीए के अन्य सहयोगी दलों और निर्दलीय विधायकों को मिलाकर एनडीए के पास 203 विधायकों का समर्थन है. इस आधार पर सत्ताधारी दल अगर चार विधायकों का और समर्थन जुटा लेती है तो उसके सभी 9 एमएलसी प्रत्याशी की जीत तय हो जाएगी.

वहीं, इंडिया गठबंधन के पास 71 विधायकों का ही समर्थन है, जिसमें कांग्रेस के 37 विधायक हैं. इसके अलावा उद्धव ठाकरे की शिवसेना के 16 विधायक हैं और शरद पवार की एनसीपी के पास 12 विधायक हैं. इसके सपा के 2 विधायक, सीपीआई (एम) के दो विधायक और तीन अतिरिक्त विधायकों का समर्थन है. इंडिया गठबंधन के विधायकों की संख्या के आधार पर तीनों सीटें जीत सकती है, लेकिन उसके लिए अन्य दलों के विधायकों को जोड़कर रखना होगा और कांग्रेस विधायकों के विश्वास को भी बनाए रखना होगा.

कांग्रेस की भूमिका किंगमेकर की

इंडिया गठबंधन में सबसे बड़े दल के तौर पर कांग्रेस है. कांग्रेस के मौजूद विधायकों की संख्या के आधार पर प्रज्ञा सातव की जीत तय मानी जा रही है. कांग्रेस के 23 विधायकों का प्रज्ञा सातव के वोट मिलने के बाद उसके 14 वोट अतरिक्त बचेंगे. शरद पवार के पास 12 विधायकों का फिलहाल समर्थन है, जिसके चलते उन्हें अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए 11 अतिरिक्त वोटों की जरूरत होगी, क्योंकि 23 वोट चाहिए. इसी तरह उद्धव ठाकरे की शिवसेना के पास 16 विधायक हैं. इस लिहाज से शिवसेना प्रत्याशी मिलिंद नार्वेकर को पार्टी के 16 विधायक के बाद 7 अतरिक्त विधायकों के वोट की जरूरत है.

शरद पवार के जयंत पाटिल और उद्धव ठाकरे के मिलिंद नार्वेकर दोनों की जीत का दारोमदार कांग्रेस के ऊपर टिका हुआ है. कांग्रेस के 14 अतरिक्त विधायकों का वोट जिसके पक्ष में जाएगा, उसकी जीत होगी. नार्वेकर को अगर अपनी जीत सुनिश्चित करनी है तो 8 वोट जुटाने होंगे जबकि शरद पवार के जयंत पाटिल को अपनी जीत के लिए 11 वोट चाहिए. ऐसे में देखना है कि कांग्रेस के अतिरिक्त वोट शरद पवार के उम्मीदवार को मिलते हैं या उद्धव ठाकरे को मिलते हैं.

एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन की जंग

महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में अगर एनडीए बनाम इंडिया की लड़ाई होती है तो फिर मुकाबला रोचक होगा. एनडीए को निर्दलीय विधायकों के समर्थन के बाद भी 4 वोट की जरूरत है जबकि इंडिया गठबंधन अगर एकजुट रहता है और कांग्रेस के अतरिक्त वोट का बंटवारा सही तरीके से हुआ तो फिर तीनों सीटें उसके खाते में जा सकती है. हालांकि, इंडिया गठबंधन को कांग्रेस, उद्धव ठाकरे और शरद पवार खेमे के विधायकों के साथ-साथ सपा और ओवैसी के दो-दो विधायक का भी समर्थन जुटाए रखना होगा.

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद में महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि शरद पवार और उद्धव ठाकरे के संपर्क में एकनाथ शिंदे और अजित पवार की पार्टियों के विधायक हैं. 2022 विधान परिषद के चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई थी, जिसके कारण महा विकास आघाडी को झटका लगा था. इसके चलते ही इंडिया गठबंधन को अपने समर्थक विधायकों का विश्वास बनाए रखना होगा, लेकिन एक बात साफ है कि जोड़तोड़ की सियासत तेज होगी. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि क्या उद्धव ठाकरे और शरद पवार दो साल पहले मिली हार का हिसाब बराबर कर पाएंगे?

प्रयागराज में मिशनरी स्कूल की कुर्सी का खेला, अंदर घुसे प्रिंसिपल को धक्का दिया… फिर किया कब्जा     |     गुजरात में छह मंजिला इमारत ढही, 15 लोग गंभीर… 5 लोगों के फंसे होने की आशंका     |     यंग ब्रिगेड के पास बीजेपी की कमान, प्रभारियों की औसत उम्र घटी; क्या हैं मायने?     |     जेल में बंद दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें बढ़ीं, LG वीके सक्सेना ने CCTV रिश्वत मामले की जांच को दी मंजूरी     |     जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में दो जगहों पर सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी, एक जवान शहीद     |     चीन को मुंहतोड़ जवाब देगा टैंक ‘जोरावर’, भारतीय सेना में होगा शामिल     |     LG ने रिश्वत मामले में सत्येंद्र जैन पर जांच की दी अनुमति, आतिशी ने कहा- अब ये एक और फर्जी केस     |     शराब पार्टी पड़ी भारी, दोस्तों ने पहले बनाए जाम फिर नहर में फेंका…. दूसरे दिन मिला शव     |     छोटे दलों से तालमेल, निर्दलियों को समर्थन… क्या है BJP का ‘मिशन कश्मीर’?     |     नहीं हो पाएंगे बाबा बर्फानी के दर्शन, अमरनाथ यात्रा के बीच पिघला शिवलिंग     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9431277374