तहसीलदार के आदेश की बजाए ब्लैंक पेपर अपलोड कर पटवारी ने बदल डाले सैकड़ों भूमि-स्वामी, हुई यह कार्रवाई
ग्वालियर। जमीनों में हेरफेर के मामले में कुख्यात ग्वालियर जिले में अब पटवारी ने ही राजस्व अभिलेखों में छेड़छाड़ कर शासन को चूना लगा दिया। जिले के घाटीगांव में पटवारी भुवनचंद मौर्य ने दो सौ तीन सौ भूमि स्वामियों के नाम ही खसरे में बदल डाले। बदलाव ऐसा किया कि पटवारी को खसरे में नाम चढ़ाने व हटाने के लिए तहसीलदार का आदेश मिलता है जिसके स्थान पर पटवारी ने सिस्टम में ब्लैंक पेपर यानी खाली पेज अपलोड कर दिया और नाम बदल डाले।
घाटीगांव के कही बन्हेरी के हाकिम सिंह रावत सहित शिवपुरी व अलग-अलग इलाकों के लोगों के नाम चढ़ा दिए गए। 10 से 15 मामलों में जब कुछ दिनों पहले एसडीएम घाटीगांव राजीव समाधिया के पास शिकायत पहुंची तो तहसीलदार से जांच कराई। जांच में मामला पकड़ा गया कि पटवारी ने ही यह कारनामा किया है। पटवारी को एसडीएम ने निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
बता दें कि पटवारी भुवनचंद मौर्य के खिलाफ किसानों की ओर से लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व घाटीगांव राजीव समाधिया ने बताया कि पटवारी हल्का नम्बर-10 बन्हेरी व अतिरिक्त हलका नम्बर-6 सहसारी के पटवारी भुवनचंद मौर्य द्वारा ग्राम चूही, पूछरी, बन्हेरा, बराहना, सेंकरा, सेंकरी व पहसारी के राजस्व खसरों में अपनी लॉगइन आईडी से बिना सक्षम अधिकारी के आदेश के ब्लैंक पेपर अपलोड कर भू-स्वामी के नाम में बदलाव किया। इससे शासन को प्राप्त होने वाले राजस्व की हानि हुई है।
तहसीलदार घाटीगांव दिनेश चौरसिया द्वारा भी पटवारी मौर्य के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया था। जिसमें उल्लेख था कि पटवारी मौर्य द्वारा राजस्व अभिलेखों के साथ कूटरचित तरीकों से छेड़छाड़ कर पीठासीन अधिकारी एवं न्यायालय को गुमराह किया गया है। इस प्रकार की गंभीर अनियमितताओं की शिकायत मिलने पर पटवारी को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में भुवनचंद मौर्य का मुख्यालय तहसीलदार वृत रेंहट रहेगा। उन्हें अनुविभागीय अधिकारी की अनुमति के बगैर मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं होगी।
दो साल से बन्हेरी में है पटवारी
पटवारी भुवनचंद मौर्य दो साल से बन्हेरी वाले क्षेत्र में पदस्थ हैं, इसपर अतिरिक्त हल्के का भी चार्ज है। अधिकारियों के अनुसार भुवनचंद माैर्य ने काफी लोगों के साथ मिलकर यह सब किया है इसमें हाकिम सिंह रावत सहित कई लोग शामिल हैं। एक नाम शिवपुरी का सतीश कुमार पुत्र बलवंत सिंह सामने आया है जिसकी जांच की जा रही है। भुवनचंद खाली पेज तहसीलदार के आदेश के कालम में अपलोड कर देता था जिससे सिस्टम में कागज अपलोड हो जाता था और यह पता नहीं चल पाता था आदेश सही डाला गया या नहीं।
इनका कहना है
पटवारी भुवनचंद ने खसरों में भूमि स्वामियों के नाम बदल दूसरों के नाम चढ़ा दिए। ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं। तहसीलदार के जांच प्रतिवेदन के आधार पर पटवारी को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू करा दी गई है। राजस्व की बड़ी हानि पटवारी ने पहुंचाई है।
राजीव समाधिया, एसडीएम, घाटीगांव, जिला ग्वालियर