महाकाल मंदिर में कावड़ यात्रियों के लिए व्यवस्था, अग्रिम अनुमति लेने पर ही चार नंबर गेट से मिलेगा प्रवेश
उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रावण मास के दौरान भगवान महाकाल का जलाभिषेक करने आने वाले कावड़ यात्रियों को अग्रिम अनुमति लेना अनिवार्य है। अनुमति प्राप्त करने पर ही कावड़ियों को गेट नं.4 से प्रवेश मिलेगा। बिना अनुमति के आने वाले कावड़ यात्रियों को सामान्य दर्शनार्थियों के साथ कतार में लगकर मंदिर में प्रवेश करना होगा। शनिवार, रविवार व सोमवार को भीड़ वाले दिनों के लिए 4 नंबर गेट की विशेष सुविधा बंद रहेगी।
श्रावण मास में देशभर से बड़ी संख्या में कावड़ यात्री भगवान महाकाल का जलाभिषेक करने उज्जैन आते हैं। अनेक संस्थाओं द्वारा कावड़ यात्रा भी निकाली जाती है। इसमें समूह के रूप में कावड़िए मंदिर पहुंचते हैं। देश के कोने-कोने से पदयात्रा कर महाकालेश्वर मंदिर पहुंचने वाले कावड़ यात्रियों के लिए मंदिर समिति ने मंदिर में प्रवेश व भगवान के जलाभिषेक के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। यह सुविधा केवल अग्रिम अनुमति लेने वाले कावड़ यात्रियों को ही मिलेगी। बिना अनुमति सीधे मंदिर पहुंचने वाले कावड़ यात्री सामान्य दर्शनार्थी के रूप में मंदिर में प्रवेश व भगवान का जलाभिषेक कर सकेंगे।
अनुमति प्राप्त कावड़ यात्री : सप्ताह में चार दिन मिलेगी विशेष सुविधा
अग्रिम अनुमति लेकर आने वाले कावड़ यात्रा संघ व यात्रियों को शनिवार, रविवार व सोमवार को छोड़कर सप्ताह के शेष चार दिन गेट नं.4 से मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। इन यात्रियों को विश्रामधाम के रास्ते सभा मण्डपम् में प्रवेश दिया जाएगा। यहां जल पात्र रहेगा, जिसके माध्यम से कावड़िए भगवान को जल अर्पित करेंगे। इसके पश्चात आगे बढ़ते हुए गणेश मंडपम से भगवान के दर्शन करते हुए मंदिर के बाहर प्रस्थान करेंगे।
बिना अनुमति प्राप्त कावड़ यात्री : गेट नं. 1 से दर्शन की कतार में लगेंगे
बिना अनुमति प्राप्त कावड़ यात्रा संघ अथवा कावड़ यात्रियों को 4 नं.गेट की सुविधा प्राप्त नहीं होगी। ऐसे कावड़ यात्री गेट नं. 1 से सामान्य दर्शनार्थियों के साथ कतार में लगेंगे। पश्चात फैसिलिटी सेंटर, महाकाल टनल के रास्ते मंदिर परिसर से होते हुए कार्तिकेय मंडपम पहुंचेंगे तथा यहां लगे जलपात्र से भगवान का जलाभिषेक कर मंदिर के बाहर प्रस्थान करेंगे।