आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को आषाढ़ पूर्णिमा मनाई जाती है. मान्यता है कि आषाढ़ पूर्णिमा सभी पूर्णिमाओं में सबसे खास होती है. इस बार 20 जुलाई 2024, दिन शनिवार को आषाढ़ पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा और अगले दिन 21 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा का स्नान दान आदि कार्य होंगे. इस दिन दान पुण्य करना भी बहुत शुभ माना जाता है. इस दौरान, लोग अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देते हैं और उनके लिए तर्पण और दान करते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन स्नान-दान करने से पापों का नाश होता है और पुण्य प्राप्त होता है.
पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है. इस दिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन महर्षि वेदव्यास, जिन्हें महाभारत के रचयिता और हिंदू धर्म के प्रमुख गुरुओं में से एक माना जाता है उनका जन्म हुआ था. महर्षि वेद व्यास की जयंती होने के कारण इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं. यह दिन गुरु के प्रति आभार व्यक्त करने और उनके ज्ञान और मार्गदर्शन के लिए उनका सम्मान करने का अवसर माना जाता है. आषाढ़ पूर्णिमा के दिन कुछ खास उपाय भी किए जाते हैं.
आषाढ़ पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय
- पितृ तर्पण और उपाय
आषाढ़ पूर्णिमा को पितृ तर्पण का भी दिन माना जाता है. इस दिन लोग अपने पितरों को श्रद्धांजलि देते हैं और उन्हें तर्पण देते हैं.
- धन, संपत्ति और वैभव के लिए
आषाढ़ पूर्णिमा के दिन आप व्रत रखें और मां लक्ष्मी की पूजा करें. पूजा में मां लक्ष्मी को कमलगट्टा, कमल के फूल, लाल गुलाब, पीली कौड़ियां या फिर हल्दी लगी हुई सफेद कौड़ियां, मखाने की खीर, बताशे या फिर दूध से बनी सफेद मिठाई अर्पित करें फिर श्रीसूक्त या कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें.
- पितरों का तर्पण
आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी में स्नान करें. इसके बाद अपने पितरों की तृप्ति के लिए जल, काले तिल और कुश से तर्पण करें. कुश के अगले भाग के पोरों से तर्पण करने से जल पितरों को प्राप्त होता है और वे तृप्त होते हैं. इस दिन घर पर पितरों की पसंद का भोजन बनाएं और गाय, कौआ, कुत्ता आदि को भी खिलाएं.
- चंद्र पूजन
पूर्णिमा का संबंध चंद्रमा से होता है. इस रात चंद्रमा 16 कलाओं के साथ निकलता है, इसलिए आषाढ़ पूर्णिमा व्रत की रात चंद्रमा का पूजन करना चाहिए और कच्चे दूध, पानी और सफेद फूल से अर्घ्य देना चाहिए. ऐसा करने से चंद्र दोष दूर होता है.
- सफेद वस्तुओं का दान
आषाढ़ पूर्णिमा के दिन किसी गरीब ब्राह्मण या जरूरतमंद को सफेद वस्तुएं जैसे चावल, चीनी, सफेद वस्त्र, सफेद फूल, मोती, चांदी आदि का दान कर सकते हैं. ऐसा करने जीवन में सुख, समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है और मन शांत और स्थिर रहता है.