भोपाल: प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के पात्र एक करोड़ 20 लाख परिवारों के लगभग चार करोड़ 70 लाख लोगों को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान के अंतर्गत लाभ नहीं मिलेगा। इन लोगों को केवल उन्हीं बीमारियों में स्वेच्छानुदान दिया जाएगा जो आयुष्मान योजना में शामिल नहीं हैं या फिर योजना के अंतर्गत निर्धारित पांच लाख रुपये की राशि उपचार में व्यय हो चुकी है। विशेष बीमारियों के लिए भी स्वेच्छानुदान से राशि दी जा सकेगी।
दरअसल, अभी तक यह पता करना मुश्किल था कि स्वेच्छानुदान की मांग करने वाला रोगी आयुष्मान योजना का हितग्राही है या नहीं। ऐसे में कई लोग आयुष्मान योजना के हितग्राही होने के साथ स्वेच्छानुदान भी स्वीकृत करा लेते थे। अधिकतर की स्वेच्छानुदान राशि उस वित्तीय वर्ष में खर्च भी नहीं हो पाती, जबकि दूसरे जरूरतमंदों की सहायता के लिए बजट कम पड़ जाता है।
स्टेट हेल्थ एजेंसी से लेंगे जानकारी
अब स्वेच्छानुदान जारी करने के पहले आयुष्मान भारत योजना का संचालन करने वाली स्टेट हेल्थ एजेंसी (SHA) से हितग्राही के संबंध में जानकारी मांगी जाएगी। गौरतलब है कि आयुष्मान भारत योजना में प्रीमियम की 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा मिलाई जाती है, जबकि मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान में पूरी राशि राज्य सरकार की होती है।
स्वेच्छानुदान का बजट 200 करोड़
स्वेच्छानुदान का प्रतिवर्ष का बजट लगभग 200 करोड़ रुपये है। इस राशि से अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाने की कोशिश रहती है। इसी कारण अधिकतर हितग्राहियों को अधिकतम डेढ़ लाख रुपये तक ही स्वेच्छानुदान स्वीकृत होता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हाल ही में हुई एक बैठक में इस बात पर सहमति बनी है। जल्द ही इस संबंध में निर्देश भी जारी हो सकते हैं।
इस तरह होगी पहचान
- खाद्य पर्ची बनवाने के लिए समग्र आईडी का आधार से लिंक होना अनिवार्य कर दिया गया है। आधार कार्ड के आधार पर तुरंत पहचान की जा सकेगी।
- जिनके आधार समग्र आईडी से लिंक नहीं हैं। उनकी जानकारी आयुष्मान भारत योजना से मांगी जाएगी।
- यह भी परीक्षण किया जाएगा कि आयुष्मान कार्ड धारकों के पास मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान की कितनी राशि बची हुई है। उसका उपयोग क्यों नहीं हो पाया है।
आयुष्मान योजना: एक नजर में
- चिह्नित बीमारी के पैकेजों की संख्या– 1952
- पात्र परिवार – एक करोड़ 20 लाख
- पात्र हितग्राही- चार करोड़ 70 लाख
- चिह्नित सरकारी अस्पताल – 493
- चिह्नित निजी अस्पताल – 528
- अब तक बने आयुष्मान कार्ड – 4.02 करोड़