उज्जैन। जिला अस्पताल की व्यवस्था बदहाल होती जा रही है। मरीजों को ले जाने के लिए स्ट्रेचर तक नहीं मिल रहे हैं। गुरुवार को एक युवक अपने पिता को उपचार के लिए जिला अस्पताल लेकर आया था। स्ट्रेचर नहीं मिलने के कारण वह पिता को पीठ पर ले गया।
दौरान अस्पताल के कर्मचारी उसे देखते रहे लेकिन मदद करने नहीं आए। कर्मचारियों व अधिकारियों की लापरवाही की सजा मरीजों को भुगतना पड़ रही है।
गुरुवार को गोविंद चौधरी उम्र 60 वर्ष निवासी मकड़ावन पलसोड़ा खेत पर जाते समय साइकिल फिसलने से गिरकर घायल हो गए थे। पैर में गंभीर चोट लगने के कारण उनका पुत्र मदन चौधरी उम्र 25 वर्ष बस से पिता को जिला चिकित्सालय लेकर आया था।
यहां वह अपने पिता को पीठ पर लेकर आया और सीधे ओपीडी में चला गया। जहां बैठे कर्मचारियों ने मदन चौधरी को बताया कि वह उसके पिता को इमरजेंसी में लेकर जाए। स्ट्रेचर नहीं मिलने के कारण मदन अपने पिता को पीठ पर लादकर ही इमरजेंसी में ले गया था।
इमरजेंसी से भी कमरा नंबर 10 में भेजा
इमरजेंसी के कर्मचारियों ने भी मानवीयता नहीं बरती। मदन को बताया कि डाक्टर स्पेशल ओपीडी में कमरा नंबर 10 में बैठै हैं। वहां लेकर अपने पिता को जाओ, तो मदन ने पिता को फिर कंधे पर लादा और इमरजेंसी से करीब 100 मीटर दूर ओपीडी में लेकर गया। इस दौरान जिला अस्पताल के कर्मचारी मदन को देखते रहे, लेकिन किसी ने भी स्ट्रेचर अथवा व्हील चेयर तक उपलब्ध नहीं करवाई।
जिला अस्पताल प्रबंधन ने वार्डब्वॉय को हटाया
युवक द्वारा अपने पिता को पीठ पर लेकर डाॅक्टर को दिखाने के लिए इमरजेंसी व ओपीडी में भटकने का मामला सामने आने के बाद जिला अस्पताल प्रबंधन की नींद खुली है। आरएमओ डा. नीतराज गाैड देर शाम को अस्पताल पहुंचे और ड्यूटी पर मौजूद दो वार्डबाय को तत्काल वहां से हटाने के निर्देश जारी किए हैं। डा. गौड़ का कहना है कि इस तरह की लापरवाही करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अस्पताल में एक्सरे मशीन भी बंद
जिला अस्पताल में एक्सरे मशीन भी चार दिनों से बंद पड़ी है। जिसके कारण मरीजों को एक्सरे नहीं हो रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मशीन चालू है। कुछ रिपेयरिंग काम के कारण कुछ देर के लिए एक्सरे नहीं हो पा रहे थे।