महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले राज्य चुनाव आयोग ने एनसीपी शरद पवार गुट को बड़ी राहत दी है. चुनाव आयोग ने राष्ट्रवादी शरद पवार गुट के चुनाव चिह्न ‘तुरही वादक’ को बरकरार रखा है, जबकि चुनाव आयोग ने ‘पिपानी’ और ‘तुतारी’ चुनाव चिह्नों को फ्रीज करने का फैसला किया है.
शुक्रवार को एनसीपी (सपा) नेता जयंत पाटिल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य चुनाव आयोग द्वारा जारी पत्र को पढ़ा. राज्य चुनाव आयोग ने एक पत्र जारी कर कहा कि 30 नवंबर, 2019 की अधिसूचना के परिशिष्ट 3 में क्रमांक 172 पर मुक्त प्रतीक ‘बिगुल’ (पिपानी) और क्रमांक 173 पर ‘तुतारी’ को फ्रीज किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में तुरही बजाता एक आदमी हमारा चुनाव चिह्न था. हमने उद्घोष किया राम कृष्ण हरि, बजाओ तुरही, लेकिन वहां एक तुरही का संकेत था. तो कुछ लोगों ने गलत बातें फैलाईं और हमारा साइन गलत फैलाया गया. इससे कई लोकसभा क्षेत्रों में इसका गलत संदेश गया.
राज्य चुनाव आयोग ने जारी किया आदेश
उन्होंने कहा कि इसके बाद चुनाव आयोग ने 16 जुलाई को एक आदेश जारी किया है. इसमें उन्होंने कहा कि पिपानी और तुतारी दो अलग-अलग प्रतीक चिन्ह हैं, जिन्हें फ्रीज किया जा रहा है. ये हमारे लिए राहत की बात है. अब हमें उम्मीद है कि भारत निर्वाचन आयोग भी इस संबंध में उचित निर्णय लेगा. यह चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वोटों में गड़बड़ी न हो. इसलिए उन्हें सही निर्णय लेना चाहिए, ऐसा जयंत पाटिल ने कहा।
इस बीच एनसीपी के विभाजन के बाद ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न अजित पवार गुट को दे दिया गया था, जबकि ‘तुरही वादक’ का चुनाव चिह्न शरद पवार की पार्टी एनसीपी को दिया गया है. लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान कुछ निर्दलीय उम्मीदवारों को ‘पिपानी’ सिंबल दिया गया. ‘तुरही वादक’, ‘पिपानी’ और ‘तुतारी’ प्रतीक लगभग समान हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाताओं के बीच बहुत भ्रम पैदा हो रहा था.
लोकसभा के दौरान मतदाताओं में असमंजस
निर्दलीय उम्मीदवारों को दिए गए इन सिंबल से एनसीपी शरद पवार गुट को तगड़ा झटका लगा है. इससे कुछ स्थानों पर मत विभाजन हो गया. इसके बाद लोकसभा चुनाव के बाद एनसीपी ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया और चुनाव चिह्न ‘पिपानी’ पर आपत्ति जताई.
अब इस मामले में चुनाव आयोग ने फैसला सुना दिया है और चुनाव चिन्ह ‘पिपानी’ को फ्रीज कर दिया गया है. जबकि एनसीपी कांग्रेस ने ‘तुरही बजाने वाला आदमी’ चुनाव चिन्ह बरकरार रखा है. आगामी विधानसभा चुनाव में शरद पवार की पार्टी सिंबल पर ही चुनाव लड़ेगी.