उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में रविवार को बड़ा हादसा हुआ है. यहां केदारनाथ पैदल मार्ग पर पहाड़ी से मलबा गिरने के कारण तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि दो लोग घायल हो गए हैं. यह हादसा चिरबासा के पास हुआ है. राहगीरों ने तत्काल इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को दी. इसके बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर राहत और बचाव कार्य के लिए पहुंची हैं. साथ में प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद हैं.
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि चिरबासा के पास भूस्खलन की सूचना है. इस हादसे में कुछ यात्रियों की मलबे में दबने से मौत की खबर है. हादसे का शिकार हुए कुछ घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
मलबे को हटाने में जुटी टीमें
घटनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल है. भूस्खलन से पैदल मार्ग पूरी तरीके से बाधित हो गया है. पैदल मार्ग पर बड़े-बड़े पत्थर पड़े हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि यह रास्ता केवल पैदल जाने वालों के लिए है. इस रास्ते पर चार पहिया वाहन नहीं चलते हैं.
बचाव टीम रास्ते से मलबे को हटाने में जुटी हुई है. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि अचानक ही पहाड़ से बड़े-बड़े पत्थर गिरने लगे. किसी को संभलने तक का मौका नहीं मिला. मलबे में 8-10 से लोग दब गए. इनमें से 3 की मौत हो गई. इस हादसे पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘ केदारनाथ यात्रा मार्ग के पास पहाड़ी से मलबा व भारी पत्थर गिरने से कुछ यात्रियों के हताहत होने की खबर दुःखद है. मौके पर राहत एवं बचाव कार्य जारी है, इस सम्बन्ध में निरंतर अधिकारियों के संपर्क में हूं.’
केदारनाथ यात्रा मार्ग के पास पहाड़ी से मलबा व भारी पत्थर गिरने से कुछ यात्रियों के हताहत होने का समाचार अत्यंत दुःखद है। घटनास्थल पर राहत एवं बचाव कार्य जारी है, इस सम्बन्ध में निरंतर अधिकारियों के संपर्क में हूं। हादसे में घायल हुए लोगों को त्वरित रूप से बेहतर उपचार उपलब्ध
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) July 21, 2024
एक अधिकारी ने बताया कि शवों का पोस्टमार्टम कराया जाएगा. इनकी पहचान की जा रही है. इनके घरवालों को भी सूचना भेजी जाएगी. घटनास्थल से जल्द से जल्द मलबे को हटा लिया जाएगा. अभी फिलहाल, राहगीरों को उस रास्ते से जाने पर मना किया जा रहा है.
हाल के दिनों में बारिश के कारण उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों में भूस्खलन की घटनाएं सामने आईं हैं. दो दिन पहले मसूरी-देहरादून हाइवे पर भूस्खलन हुआ था, जिसके कारण कुछ समय के लिए वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई थी.