खंडवा। अवधूत संत श्रीधूनीवाले दादाजी की समाधि पर शीश नवाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। शनिवार से ही पूर्णिमा तिथि शुरू होने पर कल भी यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु दादाजी दरबार पहुंचे। देर रात तक समाधि पर करीब एक लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लिए थे। रात 7:30 बजे जब उत्सव की महाआरती हुई तो आकर्षक विद्युत सज्जा के बीच श्रीदादाजी दरबार भीड़ से पट गया। भज लो दादाजी का नाम भज लो हरिहरजी का नाम के जयकारे से दरबार गूंज उठा। रात 12 बजे धूनीमाई में सूखे मेवे का हवन हुआ। धूनी का तापमान 60 डिग्री तक बढ़ गया। रात में नीमगांव के श्रद्धालुओं ने मशाल जुलूस निकालकर मंदिर की परिक्रमा की। श्रीधूनीवाले दादाजी दरबार में गुरु पूर्णिमा पर्व शनिवार को भी मनाया गया। पर्व से पहले तक जहां दो दिन में एक लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे।
आज भी बड़ी संख्या में पहुंचेंगे श्रद्धालु
वहीं पर्व के दिन सुबह से रात तक 80 हजार श्रद्धालु आए। आज भी गुरुपूर्णिमा होने से दरबार में भीड़ बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। उत्सव के प्रमुख दिन शनिवार को श्रीदादाजी दरबार में समाधियों पर प्रतिदिन की तरह सेवा पूजा हुई।
समाधि पर मालपुआ और अन्य व्यंजनों का विशेष भोग लगाया गया। इधर महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, सहित अन्य क्षेत्रों से बड़ी संख्या में आए श्रद्धालु सुबह से ही समाधि दर्शन के लिए आतुर नजर आए।दोपहर बाद दरबार में भीड़ बढ़ गई। समाधि पर सेवा पूजा के बाद शाम चार बजे वाटरप्रूफ पंडाल में श्रद्धालुओं की कतार लग गई।
सड़कों पर उमड़ा भक्तों का हुजूम
श्रीदादाजी दरबार में दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की भीड़ से शहर की सड़कें पट गईं। रेलवे स्टेशन से केवलराम चौराहा, बांबे बाजार, महात्मा गांधी मार्ग, नगर निगम चौराहा, जलेबी चौक, जय अंबे चौक, भवानी माता मंदिर मार्ग, पंधाना रोड, इंदौर रोड सहित श्रीदादाजी मंदिर पहुंच मार्गों पर भी भक्तों का हुजूम नजर आया।
इधर सड़कों पर जगह-जगह मवेशियों के विचरण से श्रद्धालुओं को परेशानी होती रही। कलेक्टर के आदेश के बाद भी नगर निगम द्वारा पर्व से पहले मवेशियों को पकड़ने की कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में भीड़ के बीच श्रद्धालुओं मवेशियों से बचकर निकलते नजर आए।
भंडारों में प्रसादी के लिए लगी कतारें
श्रीदादाजी दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा। पग-पग पर भक्तों को पानी से लेकर चाय-नाश्ता और भोजन तक उपलब्ध कराने के लिए शहरवासियों ने स्टाल लगा लिए।
कहीं सब्जी-पूड़ी, जलेबी, आलू बड़ा, हलुआ, मिठाई तो कहीं पोहा, खिचड़ी, फलहारी मिक्चर, तक श्रद्धालुओं को परोसा गया। सुबह से शाम तक शहर में भंडारों का आयोजन चलता रहा।
कुछ भंडारा स्थलों पर श्रद्धालुओं को बैठाकर भोजन प्रसादी उपलब्ध कराई गई तो कहीं कतार में लगाकर व्यंजन दिए गए। भंडारों के स्टालों पर श्रद्धालुओं की लंबी कतारें प्रसादी पाने के लिए लग गई।