सिवनी। एमपी में सिवनी के जोराबाडी़ गांव में बाढ़ में फंसी महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। बच्चों की किलकारी गूंजने से प्रसव के दौरान हुए कष्ट को स्वजन भूलकर फूले नहीं समा रहे। जिला अस्पताल किसी अन्य महिला के प्रसव के लिए आई आशा कार्यकर्ता कामता मरावी संकट मोचक बन गई।
…लेकिन गांव के सभी रास्ते बाढ़ के कारण बंद हो गए थे
बंशी लाल उइके की गर्भवती महिला रवीना को सोमवार के दिन अचानक प्रसव पूर्व पीड़ा होने लगी। उनके परिवार ने तय किया कि इन्हे तत्काल जिला अस्पताल सिवनी ले जाया जाए, लेकिन गांव के सभी रास्ते बाढ़ के कारण बंद हो गए थे।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा मनीषा सिरसाम को फोन किया
परिवार ने आशा कार्यकर्ता से संपर्क किया तो पता चला कि आशा कार्यकर्ता जिला अस्पताल किसी अन्य महिला के प्रसव के लिए आई है। इस आपातकालीन स्थिति में परिवार ने आशा कार्यकर्ता के माध्यम से जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर मनीषा सिरसाम को फोन कर सूचना दी।
जब कलेक्टर संस्कृति जैन बोलीं- डॉक्टर टीम भेजें
डॉक्टर मनीषा सिरसाम ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को बताया कि बाढ़ में हाईरिस्क गर्भवती महिला रवीना बंशी लाल उइके फंसी हैं। उसी समय कलेक्टर संस्कृति जैन ने फोन करके मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से कहा कि तत्काल आप डाक्टर टीम जोरावाड़ी भेजें व उस महिला का सुरक्षित प्रसव कराएं। नाले में बाढ़ होने से एसडीआरएफ टीम को भी भेज रहे हैं।
बाढ़ का पानी अधिक होने से टीम नाला पार नहीं कर पाई
तत्काल जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर मनीषा सिरसाम के मार्गदर्शन में टीम रवाना हुई, जिसमें स्वयं जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर मनीषा सिरसाम, मेंटर कविता वाहने, नर्सिग सुनीता यादव व आशा कार्यकर्ता कामता मरावी शामिल रहे। यह टीम गांव के समीप पहुंच गई लेकिन नाले में बाढ़ का पानी अधिक होने के कारण डॉक्टर टीम को नाला पार कराने में असमर्थ रही।
मार्गदर्शन में दाई ने महिला का सुरक्षित जुड़वा प्रसव कराया
ऐसी स्थिति में जिला स्वास्थ्य अधिकारी मनीषा सिरसाम ने आशा के पति से फोन पर बात की व उनसे कहा कि तत्काल गांव की प्रशिक्षित दाई से बात कराएं। इस पर उनकी दाई से बात कराई गई। डाक्टर के मार्गदर्शन में दाई ने महिला का सुरक्षित जुड़वा प्रसव कराया। बाढ़ का पानी कम होने पर टीम ने एतिहातन 108 वाहन से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। मां व बच्चे दोनों स्वस्थ्य हैं।