दमोह: मध्य प्रदेश के दमोह से दिल को दहला देने वाली तस्वीर सामने आई है। जहां 72 वर्षीय महिला की मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए परिजनों और रिश्तेदारों को जान जोखिम में डालकर नदी पार करनी पड़ी। ऐसे में बड़ा हादसा होने का अंदेशा बना रहा।
इन तस्वीरों में जहां एक तरफ परिजन बेबस और लाचार नजर आ रहे हैं तो वहीं सरकार की व्यवस्थाओं की पोल भी खुल रही है कि गांव में एक श्मशानघाट न होने के चलते या नदी पर पुल न होने के चलते लोगों की जिंदगी कैसे दाव पर लग रही है।
मामला दमोह तहसील बटियागढ़ ग्राम मगरोंन का है। जहां जरारुधाम गौ अभ्यारण के पास निवास करने वाले खंजुआ अहिरवार 72 वर्षीय की बीमारी के चलते मौत हो गई। जिनका अंतिम संस्कार करने के लिए परिजनों और ग्राम वासियों को शव का अंतिम संस्कार करने के लिए बड़ी ही परेशानी का सामना करना पड़ता है।
दरअसल मागरोंन के पास जरारु नदी उफान पर होने से रास्ता बन्द हो गया। ऐसे में ग्रामवासियों को शव यात्रा बीच नदी में से लेकर निकलना पड़ा जो बड़ा रिस्की रहा। गौरतलब है कि ये वही गांव है जहां सरकार के जनप्रतिनिधियों द्वारा जरारुधाम गौ अभ्यारण्य बनाया गया और जिसका प्रचार प्रसार भी जमकर हुआ।