बहुजन समाज पार्टी (BSP) के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद सुप्रीम कोर्ट की ओर से आरक्षण पर दिए फैसले पर असहमति जताई है. मंगलवार को हरियाणा के गोहाना विधानसभा में सभा को संबोधित करते हुए आकाश आनंद ने कहा कि पहले जो शक्ति संसद और राष्ट्रपति के पास थी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वो राज्यों के पास चली गई है. आरक्षण की व्यवस्था को राज्यों के हाथ में दे देना बड़ी साजिश का हिस्सा है.
आकाश ने आरक्षण पर बसपा सुप्रीमो मायावती के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि नई व्यवस्था दलित समाज के आरक्षण को खत्म करने की एक साजिश है, जिसमें बीजेपी, कांग्रेस दोनों ही अंदर से मिले हुए हैं. कोर्ट में जब सुनवाई हो रही थी तब न तो कांग्रेस के और न ही बीजेपी के वकीलों ने एक लाइन नहीं बोला. ये इनकी साजिश है जिससे हमारे समाज को सावधान रहने की जरूरत है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही अंदर से मिले हुए हैं.
‘सरकारें अब मनमानी करेंगी’
आनंद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब नया खेल शुरू होगा. जो राज्य सत्ता में है वो अपने मनमुताबिक एससी में जो जातियां हैं उनको रिजर्वेशन देगी और चाहेगी तो उन जातियों से आरक्षण छीनने का काम करेगी. इससे जितनी भी सत्ता में रही सरकारे हैं ये हमारे एसटी-एससी समाज के भाइयों में मनमुटाव और झगड़ा लड़ाने का काम करेगी.
‘संविधान दिखाकर ये लोग आपके हक को छीन रहे’
उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने किसी कारण से ये ताकत संसद और राष्ट्रपति को दिया था, लेकिन इन कांग्रेसियों और बीजेपी के लोगों ने जानबूझकर ये फैसला अपने हित में कराया है. जब ये लोग लाल किताब (संविधान) दिखाकर कहते हैं कि हम संविधान बचाने आए हैं कि बात करते हैं, लेकिन ये आपसे आपके हकों को छीनने का काम कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने दिया है फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) आरक्षण पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए अपना 20 साल पुराना फैसला पलट दिया. सर्वोच्च अदालत ने कोटे में कोटा यानी आरक्षण के भीतर आरक्षण देने का फैसला सुनाया है. सात जजों की संविधान पीठ ने 6-1 के बहुमत से दिए फैसला सुनाया. अदालत ने कहा कि एससी-एसटी वर्ग के आरक्षण में से क्रीमीलेयर को चिन्हित कर बाहर किए जाने की जरूरत पर भी बल दिया.