लद्दाख में शहीद हुआ गाजीपुर का जवान, पुल बनाने के अभ्यास के दौरान श्योक नदी में गिरा, हादसे में गई जान
गाजीपुर की धरती वीर सपूतों की धरती है. इस धरती से समय-समय पर ये वीर सपूत अपनी जान की बाजी लगाकर मां भारती की रक्षा करते हैं. कुछ यही सोच गाजीपुर के जमानिया तहसील के जबुरना गांव के रहने वाले मोहम्मद अकबर खान की थी. अकबर खान आर्मी के मुंबई इंजीनियरिंग रेजीमेंट में भर्ती हुए थे. वह लद्दाख के न्योमा-चुशूल इलाके में रिहर्सल के बाद बीते सोमवार शाम टी-72 टैंक से लौट रहे थे. लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास श्योक नदी का जलस्तर बढ़ने से वह नदी में बह गए, जिससे उनकी मौत हो गई.
लद्दाख के न्योमा-चुशूल इलाके से रिहर्सल कर टी-72 टैंक से लौट रहे जबुरना गांव निवासी सेना के जवान अकबर खान की लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास सोमवार शाम श्योक नदी में बहने से मौत हो गई. शहीद जवान मोहम्मद अकबर खान (28) वर्ष 2014 में आर्मी के इंजीनियरिंग मुंबई रेजिमेंट में भर्ती हुए थे. वह वर्तमान में लद्दाख में हवलदार के पद पर तैनात थे. वह लद्दाख के न्योमा-चुशूल इलाके में रिहर्सल के बाद टैंक लेकर लौट रहे थे. नदी का जलस्तर बढ़ने से वह नदी में ही बह गए.
सैन्य अभ्यास के दौरान हुआ हादसा
सेना के अधिकारियों ने घटना की जानकारी परिवार को दी, जिसके बाद से ही परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. वहीं घटना के बाद से ही गांव में मातम पसर गया है. वर्तमान समय में शहीद जवान अकबर खान लेह में सैन्य अभ्यास की ट्रेनिंग ले रहा था. पूरी घटना पर अधिकारियों का कहना है कि जवान के मौत की जानकारी परिवार को दे दी गई है. सेना के अधिकारियों से मिली जानकारी के बाद परिवार के लोगों का कहना है कि सोमवार को ट्रेनिंग के दौरान अकबर हादसे का शिकार हो गए थे, जिससे उनकी मौत हो गई.
नदी में बहने से हुई जवान की मौत
सेना के अधिकारियों ने बताया कि नदी पर पुल बनाने का अभ्यास किया जा रहा था. इस दौरान 6 जवान नदी में गिर गए, जिसमें पांच जवानों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया, जिन्हें घायलवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया. जबकि अकबर की मौत हो गई. शहीद जवान अकबर दो भाइयों में सबसे बड़ा था. जवान की दो साल पहले ही सेवराई तहसील क्षेत्र के सरैला गांव की दिलनशीन खातून से शादी हुई थी. शहीद का एक बेटा भी है. घटना के बाद से ही शहीद की पत्नी दिलनशीन खातून, छोटा भाई इसराफिल खान और मां आसमा खातून का रो-रोकर बुरा हाल. घटना की जानकारी होते ही गांव के लोगों के द्वारा घर पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की जा रही हैं.