उज्जैन। स्कूल खुले डेढ़ महीना गुजर गया है मगर पात्र विद्यार्थियों को घर से स्कूल आने-जाने के लिए सरकार की तरफ से साइकिल अब तक नहीं मिली है। उज्जैन जिले में पात्र विद्यार्थियों की संख्या 6116 और पूरे प्रदेश में एक लाख 59407 है। साइकिल न मिलने से विद्यार्थी निराश हैं। इसका असर उनकी जेब पर और कुछ हद तक स्कूल में अनुपस्थिति के रूप में दिखाई पड़ रहा है।
मालूम हो कि स्कूल से लगभग दो किलोमीटर दूर रहने वाले विद्यार्थियों की सुविधा के लिए प्रदेश सरकार ने वर्ष- 2015 से निशुल्क साइकिल वितरण योजना शुरू की थी। इस योजना में कक्षा छठीं और नौवीं में दाखिला पाए विद्यार्थियों को शामिल किया था। उद्देश्य विद्यार्थियों की स्कूली पढ़ाई पूरी कराना रखा।
दरअसल, सरकार के समक्ष ये विषय आया था कि कई विद्यार्थी, घर से स्कूल की दूरी अधिक होने के कारण आगे की पढ़ाई छोड़ देते हैं। शुरुआती कुछ वर्ष तक सरकार ने साइकिल खरीदने के लिए विद्यार्थियों को रुपया दिया।
बाद में एक-दो वर्ष ये योजना विविध कारणों से खटाई में भी पड़ी, जिसके कारण विद्यार्थियों को साइकिल प्राप्त नहीं हुई। स्थिति ये है कि इस वर्ष नया शिक्षा सत्र प्रारंभ हुए डेढ़ महीना गुजर गया है।
अब तक विद्यार्थियों को साइकिल नहीं मिली है। गत वर्ष भी पूरा शिक्षा सत्र समाप्त होने के बाद ग्रीष्मकालीन अवकाश के समय विद्यार्थियों काे साइकिल वितरित की गई थी।
स्कूल और कॉलेज में घट गई विद्यार्थी संख्या
इस वर्ष कक्षा 12वीं की परीक्षा 75 फीसद या इससे अधिक अंकों से परीक्षा उत्तीर्ण किए विद्यार्थियों को लैपटाॅप और स्कूल टाॅपर को स्कूटी भी नहीं मिली है। वजह जो भी हो, परिणाम स्कूल-काॅलेज में कम छात्र संख्या के रूप में देखने को मिल रहा है।
गत वर्ष कक्षा-12वीं की परीक्षा 75 फीसद या इससे अधिक अंकों से उत्तीर्ण उज्जैन के 1827 विद्यार्थियों ने सरकार से छात्र प्रोत्साहन योजना अंतर्गत लैपटाॅप खरीदने को 25-25 हजार रुपये और 183 विद्यार्थियों (सरकारी स्कूल में अध्ययनरत 12वीं के स्कूल टापर छात्र-छात्राएं) ने स्कूटी पाई थी।
लैपटाप हितग्राहियों की संख्या 2022 के पात्र विद्यार्थियों की तुलना में 271 ज्यादा थीं। साल-2020 में 85 फीसद या इससे अधिक परिणाम देने वाले विद्यार्थियों को लैपटाॅप राशि दी थीं। इस वर्ष कितने प्रतिशत अंक पाने पर, कितने विद्यार्थी लैपटाॅप और स्कूटी पाएंगे इसकी विभागीय तौर पर जानकारी अब तक संकलित नहीं हुई है।