तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख… विनेश फोगाट केस में जिस तरह से फैसला टल रहा है और हर बार एक नई तारीख मिल रही है, उसके बाद फिल्म ‘दामिनी’ का सनी देओल वाला वो मशहूर डायलॉग याद आना लाजमी है. इंतजार की इम्तेहां हो चुकी है. पर अभी तक कोई खबर नहीं कि भारतीय रेसलर का क्या होगा? उसे सिल्वर मेडल मिलेगा भी या नहीं. कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फोर स्पोर्ट्स यानी CAS ने अब फैसले की नई तारीख 16 अगस्त दी है. एक बार और फैसला टलने से भारत के पूर्व ओलंपिक चैंपियन अभिनव बिंद्रा को फैसले के इंतजार में बैठे खेलप्रेमियों की चिंता होने लगी है. ऐसे में उन्होंने अपने एक्स हैंडल के जरिए उन्हें ये बताने की कोशिश की है कि देरी से घबराना नहीं है.
विनेश फोगाट केस में तारीख पर तारीख
विनेश फोगाट केस में फैसला पहले 9 अगस्त को आना था पर नहीं आया. फैसले की नई तारीख 13 अगस्त दी गई. लेकिन, इस दिन भी हाथ आया तो बस इंतजार. अब 16 अगस्त को फैसला सुनाने की नई तारीख है. ऐसा में बड़ा सवाल ये है कि क्या इस दिन भी फैसला आएगा या मिलेगी तो एक और नई तारीख.
समझिए कि ये खेल लंबा है- अभिनव बिंद्रा
कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फोर स्पोर्ट्स की तरफ से फैसले के लिए हर बार एक नई तारीख मिलने का सबसे ज्यादा असर फैंस पर हो रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि उनके इंतजार की घड़ियां लंबी हो रही हैं. अब इस पूरे मसले पर अभिनव बिंद्रा ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है. उन्होंने लिखा- जब किसी बड़े काम में देरी होती है तो हम सभी को निराशा होती है. विनेश फोगाट मामले को लेकर हममें से कई अभी वैसा ही महसूस कर रहे होंगे. लेकिन, आपको ये समझना होगा कि खेल सिर्फ वो नहीं जो फील्ड पर खेला जाता है. ये हमारे संयम, इंतजार की परीक्षा का भी खेल है. बिना ये जाने कि आगे क्या होगा? इसलिए अपने खिलाड़ी को चीयर करते रहिए, ये समझकर कि वो जो खेल रहा है वो उसके सभी खेलों में सबसे लंबा है.
विनेश फोगाट का केस क्या है?
पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट को महिलाओं के 50 किलोग्राम वर्ग में कुश्ती मुकाबले के फाइनल से पहले बढ़े वजन के चलते अयोग्य ठहरा दिया गया. उनका वजन 50 किलो से 100 ग्राम ज्यादा पाया गया था. UWW के नियमों के मुताबिक ऐसा होने पर विनेश को फाइनल से तो बाहर किया ही गया, साथ ही उनके पिछले सारे हो चुके मुकाबले भी रद्द कर दिए गए. मतलब जो फाइनल खेलकर गोल्ड या सिल्वर जीतने वाली थी, उसे उस वेट कैटेगरी के 12 पहलवानों में सबसे आखिरी पायदान पर रखा गया. कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फोर स्पोर्ट्स में इसी मामले की लड़ाई विनेश लड़ रही हैं.