छिंदवाड़ा। महिला थाना प्रभारी छिंदवाड़ा ने महिला सुरक्षा शाखा डीएसपी और रक्षित निरीक्षक(आरआई) पर दुर्भावना पूर्ण व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं। इस टीआई का कहना है कि पुलिस अधीक्षक के समक्ष गलत तथ्यों को पेश कर उनको लाइन अटैच कराया गया है। उनका यह भी कहना है कि उनके ड्राइवर को भी लाइन अटैच कर दिया गया है।
जबलपुर की रहने वाली सोनल शुक्ला का दर्द
छिंदवाड़ा में पदस्थ महिला थाना प्रभारी सोनल शुक्ला ने मीडिया को बयान दिया है कि महिला सुरक्षा शाखा डीएसपी प्रियंका त्रिपाठी और आरआइ और आशीष तिवारी ने उनके साथ मनमाना व्यवहार किया। सोनल शुक्ला के मुताबिक डीएसपी प्रियंका त्रिपाठी ने उनको एक मामले में एफआइआर दर्ज करने के लिए कहा था, जबकि उनके थाने से जांच के दौरान वो शिकायत अप्रमाणित सिद्ध हो चुकी थी। इसके बावजूद वो टीआई पर अपराध दर्ज करने के लिए दबाव बना रही थीं।
आरआई आशीष तिवारी ने अमानवीयता व्यवहार किया
सोनल शुक्ला का कहना है कि उसके विरुद्ध गलत जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत कर पहले तो उन्हें लाइन अटैच करा दिया गया, इसके बाद उनके साथ आरआई आशीष तिवारी द्वारा भी अमानवीयता पूर्वक व्यवहार किया गया। उनके मुताबिक आरआई ने उनको तत्काल लाइन में आमद देने और वाहन लौटाने के लिए कहा। जब उन्होंने जल्द आमद देने और वाहन वापस करने की बात कही तो आरआई ने किसी ड्राइवर को भेजकर उनकी गाड़ी मंगवाने का प्रयास किया।
वाहन को थाना परिसर में ही दुर्भावनापूर्वक पंचर कर दिया
सोनल शुक्ला ने दूसरे ड्राइवर को गाड़ी देने से मना किया, तो उनके वाहन को थाना परिसर में ही दुर्भावनापूर्वक पंचर कर दिया गया। सोनल शुक्ला का कहना है कि वो पुलिस अधीक्षक के आदेश का पालन करेंगी, लेकिन वो एसपी के समक्ष अपनी बात रखना चाहती हैं। अगर एसपी से उनकी बात नहीं हो पाई तो वो आईजी के सामने अपना पक्ष रखेंगी।
‘बेवजह की बयान बाजी करना भी गलत’
इस मामले में एएसपी इस बारे में एएसपी अवधेश प्रताप सिंह का कहना है कि जिस मामले में उन्हें लाइन अटैच किया गया है, उस पर जवाब देने के बजाय वो बेवजह की बयानबाजी कर रही हैं, जो गलत है। रही बात आरआई की, तो शासकीय वाहन लेना उनकी ड्यूटी में शामिल है।