कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर की रेप के बाद हत्या की जांच को सीबीआई को सौंप दिया है. बुधवार सुबह टीम ने कोलकाता पहुंचकर अपनी जांच शुरू कर दी है. इस बीच टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर रॉय के एक पोस्ट ने ममता सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं. सुखेंदु शेखर रॉय ने बीती रात एक्स पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने कहा कि आरजी कर हॉस्पिटल में गैंग रेप और निर्मम हत्या हुई. कौन हैं वे? अब सीबीआई करेगी जांच. मुझे सीबीआई पर कोई भरोसा नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘सच्चाई को उजागर करना बाकी है. जानवरों को बचाने की कोशिश क्यों की जा रही है? अपराध के लिए जो भी जिम्मेदार है उसे फांसी दी जानी चाहिए.’ इसके बाद कई लोगों को संदेह हुआ कि क्या ये टीएमसी सांसद का ही अकाउंट है, इस पर पुष्टि के लिए टीवी 9 भारतवर्ष ने टीएमसी सांसद से बात की.
बीजेपी आईटी सेल के लिए ये सामान्य घटना- टीएमसी सांसद
उन्होंने कहा, ‘मैं बहुत आहत हूं, मैं कोई ग्रुप में शामिल नहीं होने वाला हूं. ये मेरा व्यक्तिगत विरोध है. व्यक्तिगत धरना है, आज शाम 5 बजे से 8 बजे के बीच नेताजी स्टैच्यू के पास मैं धरने पर रहूंगा.’
सुखेंदु शेखर रॉय ने मंगलवार को एक्स पर किए गए पोस्ट को लेकर कहा कि मेरे बयान जारी करने के बाद 87 हजार से अधिक लोगों ने इसे देखा और उनमें से अधिकांश ने मेरे रुख का समर्थन किया. हालांकि, बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख ने संदेह जताया और मेरे कदम को राजनीति से प्रेरित और संघियों द्वारा संचालित बताया. हालांकि मैं इस तरह के चरित्र हनन की निंदा करता हूं, जो अन्यथा बीजेपी आईटी सेल के लिए एक सामान्य घटना है.
मेरा धरना पार्टी से कोई लेना-देना नहींः सुखेंदु शेखर रॉय
उन्होंने कहा कि वह हाल ही में आरजी कर मेडिकल कॉलेज की एक महिला डॉक्टर पर हुए अत्याचार और उन लाखों प्रदर्शनकारियों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करने के लिए जो आज रात सड़कों पर होंगे. मेरे रुख का उस पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है, जिससे मैं जुड़ा हूं. मुझे महान स्वतंत्रता सेनानी अजॉय मुखर्जी से प्रेरणा मिलती है, जिन्होंने 1 दिसंबर 1969 को मुख्यमंत्री के रूप में अपनी ही सरकार के खिलाफ कर्जन पार्क (अब सुरेंद्रनाथ पार्क), कोलकाता में एक व्यक्तिगत धरना दिया था और इसे “एक क्रूर और बर्बर सरकार” बताया था. मेरी बंगाल के मेरे भाइयों और बहनों से अपील है कि वे इस अवसर पर आगे आएं और शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध की आवाज उठाएं.