बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को गुरुवार को बड़ा झटका लगा है. पूर्व मंत्री और राजद के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने दल की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. श्याम रजक ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा सौंप दिया. उसमें उन्होंने कहा कि उनके साथ धोखा हुआ है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि मैं शतरंज का शौकीन नहीं था, इसलिए धोखा खा गया. आप मोहरे चल रहे थे और मैं रिश्तेदारी निभा रहा था.
बता दें कि बिहार में अगले साल विधानसभा सभा होने हैं. इससे पहले श्याम रजक के इस्तीफे से बिहार की राजनीति गरमा गयी है. राज्य की राजनीति में ऐसी अटकलें हैं कि वह जनता दल (यूनाइटेड) का दामन थाम सकते हैं.
साल 2020 में श्याम रजक राजद में हुए थे शामिल
बता दें कि साल2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले श्याम रजक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का साथ छोड़ दिया था. वह जेडीयू से इस्तीफा देकर राजद में शामिल हुए थे.
ऐसा माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 मेंउन्होंने टिकट मांगा था, लेकिन टिकट नहीं मिलने से वह पार्टी से नाराज थे. उन्होंने अपनी नाराजगी से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को भी अवगत करा दिया था.
इसके पहले मीडिया से बातचीत करते हुए श्याम रजक ने कहा था कि साल2020 के विधानसभा चुनाव से पहले लालू यादव उन्हें बहुत सारा आश्वासन दिया था और उसके बाद वह जदयू से नाता तोड़कर राजद में शामिल हुए थे. लेकिन साल 2020, साल 2022 और अब साल 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान उनके साथ अन्याय हुआ.
नीतीश सरकार में उद्योग मंत्री थी श्याम रजक
उन्होंने कहा कि वह जनता दल यूनाइडेट में रहते हुए विधायक और मंत्री थे, लेकिन यहां आने के बाद वह शतरंज को मोहरों में केवल फंसकर रह गये थे. गौरतलब है कि श्याम रजक नीतीश कुमार की सरकार में उद्योग मंत्री के पद पर रह चुके हैं.
उन्होंने कहा कि राजद में शामिल होने के दौरान लालू प्रसाद ने उन्हें कई आश्वासन दिया था, लेकिन साल 2020 में उन्हें फुलवारीशरीफ से विधानसभा का टिकट नहीं दिया गया. इसके बाद विधानसभा परिषद में भी उन्हें भेजने की बात हुई, लेकिन यह नहीं हुआ.
साल 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें समस्तीपुर से लोकसभा का टिकट देने की बात कही गई थी, लेकिन यहां भी उनके साथ अन्याय हुआ और उन्हें टिकट नहीं दिया है. यह पूछे जाने पर कि क्या वह जदयू में फिर वापस लौटेंगे, उन्होंने कहा कि अभी इस पर फैसला नहीं हुआ है, लेकिन वह राजनीति में रहकर फिलहाल सेवा करते रहेंगे.