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भोपाल। शिवराज सरकार के समय बंद हुआ राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) फिर से अस्तित्व में आएगा। मोहन सरकार इसे पुनर्गठित करने जा रही है। सीपीए बंद होने के बाद भोपाल की सड़कें, उद्यान और शासकीय भवनों के रखरखाव से जुड़े कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इसे लेकर मंत्री, विधायकों ने शिकायतें की थीं।
इसके चलते अब नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने लोक निर्माण, वन सहित अन्य संबंधित विभागों से अभिमत मांगा था। अधिकतर विभाग सीपीए के पुनर्गठन के पक्ष में हैं, इसलिए अब जल्द ही सीपीए के पुनर्गठन का प्रस्ताव अंतिम निर्णय के लिए कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा।
सीपीए बंद करने के निर्देश वर्ष 2021 में अतिवर्षा के कारण भोपाल शहर की सड़कों की हालात खराब होने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा समीक्षा बैठक में नाराजगी जताते हुए दिए थे। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने तीन मार्च 2022 को कैबिनेट में प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसे स्वीकृति दी गई।
इसके बाद सड़क और भवन संधारण का काम लोक निर्माण और उद्यानों को संधारित करने दायित्व वन विभाग को सौंप दिया गया, लेकिन इससे स्थिति में कोई सुधार नहीं आया। सड़कों और उद्यानों की हालत और खराब हो गई। पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री कृष्णा गौर ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर उद्यानों और वन क्षेत्र के विकास को आधार बनाकर सीपीए के पुनर्गठन पर विचार करने का अनुरोध किया था।
सीपीए के पुनर्गठन का निर्णय होने पर व्यवस्था में भी परिवर्तन होगा। बीते दो वर्ष में सीपीए का अमला लोक निर्माण, वन विभाग और नगरीय विकास एवं आवास विभाग को सौंपा जा चुका है। लोक निर्माण विभाग के बजट में उन मार्गों के लिए भी राशि का प्रविधान किया गया है, इसलिए बजट नगरीय विकास एवं आवास विभाग को अंतरित करना होगा। इसके लिए वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी।
मंत्रालय, विधानसभा भवन, विधायक विश्रामगृह, शहीद स्मारक, पर्यावास भवन, गैस राहत एवं पुनर्वास विभाग के चिकित्सालय, डिस्पेंसरी, आवास और यूनियन कार्बाइड के कचरे का निष्पादन करना। इसके साथ ही भोपाल के प्रमुख मार्ग और उद्यानों को संधारित करने का काम भी इसके ही जिम्मे था।