‘जाको राखे साइयां मार सके न कोई, बाल भी बांका कर सके जो जग बैरी होय’… यह कहावत उस समय सच साबित हुई, जब डूबते हुए एक युवक सतीश को SDRF के जवान ने देवदूत बनकर उसे मौत के मुंह से जिंदा बचा लिया. इसके बाद युवक ने SDRF के जवान का दिल से धन्यवाद किया. युवक जबलपुर के भेड़ाघाट स्थित सरस्वती घाट पर अपनी मृत मौसी के अस्थि संचय के बाद नहा रहा था. नहाते समय अचानक सीढ़ी से उसका पैर फिसल गया और वह नर्मदा के तेज बहाव में बहने लगा. घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें सतीश को नदी की धारा में धीरे-धीरे डूबते हुए देखा जा सकता है.
यह घटना विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भेड़ाघाट के नर्मदा तट सरस्वती घाट की है. यहां पर जबलपुर सहित आसपास के जिलों से लोग अस्थि विसर्जन करने के लिए आते हैं. सतीश कुमार नाम का एक युवक अपनी मौसी की अस्थि संचय करने के बाद सरस्वती घाट में नहाने पहुंचा था. इसी दौरान सीढ़ी से अचानक पैर फिसलने के बाद वह नर्मदा के तेज बहाव में बहने लगा. नर्मदा की बीच धार में डूबते हुए सतीश को जैसे ही लोगों ने देखा तो शोर मचाना शुरू कर दिया. इसी दौरान घाट पर SDRF की टीम भी मौजूद थी. लोगों के शोर को सुनते ही तत्काल मोटर वोट के जरिए डूबते हुए सतीश के पास पहुंच गई और उसे सकुशल बचा लिया.
उफान पर बह रही नर्मदा नदी
हालांकि सतीश की जैसी किस्मत हर किसी की नहीं होती है. इस समय लगातार हो रही बारिश के चलते बरगी बांध के नौ गेटों से पानी छोड़ा जा रहा है. इस कारण नर्मदा समित सभी सहायक नदियां उफान पर हैं. ऐसे में नदियों के किनारे जाने में बेहद खतरा है. इसलिए TV9 सबसे अपील करता है कि तमाम नर्मदा तटों और सहायक नदियों में इस समय नहाने तो बिल्कुल भी न जाएं और अपने और परिवार को सुरक्षित रखें.
SDRF की टीम ने युवक को बचाया
यह पूरी घटना विश्व प्रसिद्ध भेड़ाघाट क्षेत्र में स्थित सरस्वती घाट पर घटी, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है. इस घटना ने घाट पर सुरक्षा के मुद्दे पर भी सवाल खड़े किए हैं, क्योंकि यह स्थान पर्यटकों और श्रद्धालुओं के बीच काफी लोकप्रिय है. इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि नदियों में स्नान करते समय सावधानी बरतनी चाहिए और सुरक्षा इंतजामों का ध्यान रखना जरूरी है. SDRF की टीम की त्वरित प्रतिक्रिया ने एक बड़े हादसे को टाल दिया और सतीश को सुरक्षित बाहर निकालने में सफलता हासिल की.