Breaking
कांटे की टक्कर के बावजूद बुधनी में बची रही शिवराज की प्रतिष्ठा, पढ़िए उपचुनाव के दौरान कैसे बदले समी... फागर से छिड़काव पर कचरे में लग रही है आग न तंत्र चला न कोई मंत्र रामनिवास रावत को जनमानस ने किया हिटविकेट इंदौर-उज्जैन सिक्सलेन बनाने का काम शुरू… किनारों पर कराया जा रहा भराव, डिवाइडर से हटाए पेड़-पौधे राजगढ़ में सड़क हादसा... गियर बदलते ही अनियंत्रित होकर पलटा ऑटो रिक्शा, सास-बहू की मौत इंदौर के व्यापारी से बेस्ट प्राइस के दो कर्मियों ने की पौने पांच लाख की धोखाधड़ी, ऑर्डर का माल दूसरे... ट्रेन के सामने कूदे मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर ,रेलवे ट्रैक पर मिला शव सिंगरौली पुलिस ने अवैध कबाड़ के साथ एक कबाड़ी को पकड़ा, 2 लाख से ज्यादा का माल जब्त कैलाश मकवाना होंगे मध्य प्रदेश के नए डीजीपी, एक दिसंबर को लेंगे चार्ज नर्मदापुरम में दो पक्षों के विवाद में चली कुल्हाड़ी,जानिए क्या है पूरा मामला

केरल के पलक्कड़ में संघ यूं ही नहीं कर रहा बैठक, इन 5 आंकड़ों में छिपा है सियासी राज!

Whats App

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने केरल के पलक्कड़ में अपने सभी सहयोगी संगठनों के साथ 3 दिन की समन्वय बैठक शुरू कर दी है. आरएसएस की इस बैठक में जहां एक तरफ सरकार और संगठन से जुड़े 5 सवालों का जवाब ढूंढा जाएगा, वहीं केरल में होने वाली इस बैठक के सियासी मायने में भी निकाले जा रहे हैं. शुक्रवार को जब संघ के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर से केरल में ही बैठक क्यों बुलाया गया है का सवाल पूछा गया तो उनका जवाब था- पलक्कड़ सुंदर शहर है, इसलिए हम लोग बैठक कर रहे हैं.

सुनील आंबेकर के बयान से इतर कहा जा रहा है कि केरल में संघ की बैठक के पीछे 5 महत्वपूर्ण आंकड़े हैं और इन्हीं आंकड़ों में बैठक का राज छिपा है.

1. केरल में चल रही संघ की 5142 शाखा

Whats App

इसी साल मार्च में आरएसएस ने शाखाओं का डेटा जारी किया था. इसके मुताबिक दक्षिण के राज्य केरल में आरएसएस की 5142 शाखाएं चल रही हैं. देशभर में संघ की करीब 60 हजार शाखाएं चल रही हैं. यानी शाखाओं की कुल हिस्सेदारी में केरल की हिस्सेदारी करीब 9 प्रतिशत है.

कम आबादी होने के बावजूद शाखाओं की तेजी से बढ़ती संख्या ने संघ का ध्यान केरल की तरफ खिंचा है. हाल ही में संघ ने शाखाओं की संख्या बढ़ने की वजह से केरल को उत्तर और दक्षिण विभागों में विभाजित किया था.

जानकारों के मुताबिक संघ विभाजन का काम तब करती है, जब उसे लगता है कि राज्य में उसने अपने लक्ष्य को हासिल कर लिया है. केरल में संघ ने अगले साल तक 8000 शाखा लगाने का लक्ष्य रखा है.

2. लोकसभा में खुला बीजेपी का खाता

हालिया लोकसभा में केरल में बीजेपी का खाता खुला है. पार्टी को त्रिशूर सीट पर जीत मिली है. वहीं पार्टी तिरुवनंतपुर सीट पर दूसरे नंबर पर रही. बीजेपी केरल में अब तक चुनाव लड़ती जरूर रही है, लेकिन स्थापना के बाद यह पहली बार है, जब दक्षिण के केरल में बीजेपी का खाता खुला है. इस परिणाम ने बीजेपी के साथ-साथ संघ के भी हौसले बढ़ा दिए हैं.

3. विधानसभा की 11 सीटों पर बढ़त

लोकसभा चुनाव के आंकड़ों को देखा जाए तो बीजेपी को केरल में विधानसभा की 11 सीटों पर बढ़त मिली है. जिन 11 सीटों पर पार्टी को बढ़त मिली है, उनमें त्रिशूर की 6, अतिंगल की दो और तिरुवनंतपुर की 3 सीटें शामिल हैं.

इसके अलावा बीजेपी 9 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही है. इनमें तिरुवनंतपुरम की 3,अतिंगल की 1, अलप्पुझा की 2, पालक्कड की 1 और कासरागोद की 2 सीटें शामिल हैं. केरल में विधानसभा की कुल 140 सीटें हैं, जहां 2026 में विधानसभा के चुनाव होने हैं.

4. वोट प्रतिशत 20 फीसद के पास पहुंचा

चुनाव आयोग के मुताबिक केरल में बीजेपी को हालिया लोकसभा चुनाव में 19.24 प्रतशित वोट मिले हैं. 2019 के मुकाबले यह 3 प्रतिशत से ज्यादा है. 2019 में बीजेपी को केरल में 15.64 प्रतिशत वोट मिले थे. वहीं 2021 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 12.41 प्रतिशत वोट मिले थे.

यानी की इस बार वोट प्रतिशत ने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. लेफ्ट और कांग्रेस के इस गढ़ में संघ और बीजेपी के सामने इसे बढ़ाने के साथ-साथ बचाए रखने की चुनौती भी है.

5. बंगाल में शिफ्ट हुआ लेफ्ट का वोट

सीपीएम जिस तरह अभी केरल में मजबूत है. ठीक उसी तरह कभी बंगाल में मजबूत हुआ करती थी, लेकिन दोनों जगहों पर लेफ्ट का वोट बीजेपी में शिफ्ट कर गया. 2019 में बंगाल में बीजेपी ने रिकॉर्ड लोकसभा की 18 सीटों पर जीत हासिल की. इस चुनाव में बीजेपी को करीब 40 प्रतिशत वोट मिले. 2014 के मुकाबले बीजेपी के वोटों में 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.

यह वोट लेफ्ट से बीजेपी की तरफ शिफ्ट होने वाले वोटरों की थी. लेफ्ट के इस चुनाव में 16 प्रतिशत वोट घट गए. 2019 के परिणाम के बाद ममता ने हार का कारण राम और वाम का मिल जाना बताया था.

कहा जाता है कि केरल में भी संघ और बीजेपी को इसी तरह की उम्मीद है. वहां पिछले 10 साल से लेफ्ट की सरकार है, जिसके खिलाफ एंटी इनकंबैसी भी जोरों पर है. संगठन को लगता है कि इस इनकंबैंसी में जो लोग मुख्य विपक्षी कांग्रेस को वोट नहीं देना चाहेंगे, वो हिंदुत्व पार्टी की तरफ रूख कर सकते हैं.

बैठक में किन मुद्दों पर होगी चर्चा?

संघ की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक बैठक की शुरुआत में वायनाड में आई बाढ़ के दौरान संघ कार्यकर्ताओं ने क्या-क्या काम किए, इसके बारे में डिटेल रिपोर्ट शेयर की गई है. संघ की इस बैठक में मोहन भागवत, दत्तात्रेय होसबाले, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन महामंत्री बीएल संतोष समेत विभिन्न संगठनों के 300 पदाधिकारी शामिल हैं.

बैठक में हाल के बड़े राजनीतिक और समाजिक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. कहा जा रहा है कि समन्वय की इस बैठक में बीजेपी अध्यक्ष, जातीय गोलबंदी जैसे मुद्दों के भी हल ढूंढे जाएंगे.

कांटे की टक्कर के बावजूद बुधनी में बची रही शिवराज की प्रतिष्ठा, पढ़िए उपचुनाव के दौरान कैसे बदले समीकरण     |     फागर से छिड़काव पर कचरे में लग रही है आग     |     न तंत्र चला न कोई मंत्र रामनिवास रावत को जनमानस ने किया हिटविकेट     |     इंदौर-उज्जैन सिक्सलेन बनाने का काम शुरू… किनारों पर कराया जा रहा भराव, डिवाइडर से हटाए पेड़-पौधे     |     राजगढ़ में सड़क हादसा… गियर बदलते ही अनियंत्रित होकर पलटा ऑटो रिक्शा, सास-बहू की मौत     |     इंदौर के व्यापारी से बेस्ट प्राइस के दो कर्मियों ने की पौने पांच लाख की धोखाधड़ी, ऑर्डर का माल दूसरे को बेचा     |     ट्रेन के सामने कूदे मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर ,रेलवे ट्रैक पर मिला शव     |     सिंगरौली पुलिस ने अवैध कबाड़ के साथ एक कबाड़ी को पकड़ा, 2 लाख से ज्यादा का माल जब्त     |     कैलाश मकवाना होंगे मध्य प्रदेश के नए डीजीपी, एक दिसंबर को लेंगे चार्ज     |     नर्मदापुरम में दो पक्षों के विवाद में चली कुल्हाड़ी,जानिए क्या है पूरा मामला     |